काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर स्थित केंद्रीय विद्यालय के कक्षा 09 के छात्र मयंक यादव की आत्महत्या से साथी छात्रों में जबरदस्त आक्रोश है। मंगलवार को सुबह से ही छात्र मृत साथी की बहन के साथ विद्यालय के मुख्य गेट पर धरने पर बैठ गये। छात्र मृत साथी को न्याय दिलाने के लिए प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को तत्काल पदमुक्त कर उन्हें जेल भेजने की मांग पर डटे हुए हैं।
धरने में शामिल मृत छात्र की बहन भी इसी स्कूल में 10वीं की छात्रा है। छात्रों का आरोप है कि प्रिंसिपल के दबाव और उत्पीड़न से मयंक ने आत्महत्या किया है। इसके लिए विद्यालय के टीचर और प्रिंसिपल जिम्मेदार हैं। प्रधानाचार्य का बरताव हिटलर जैसा है। इसके पहले भी प्रिंसिपल थीं, उन्होंने कभी बच्चों से इस तरह का व्यवहार नहीं किया। मृत छात्र की बहन ने बताया कि इस मामले में उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक पत्र लिखा है, जिसमें स्कूल प्रशासन पर कार्रवाई करने और भाई को न्याय दिलाने की मांग की है।
स्कूल के प्रिंसिपल दिवाकर सिंह, वाइस प्रिंसिपल वीनिता सिंह छात्राें पर अत्याचार कर मारने-पीटने और स्कूल से बाहर निकालने की धमकी देती है।
उल्लेखनीय है कि, केंद्रीय विद्यालय बीएचयू के 9वीं के छात्र मयंक यादव (15) ने बीते रविवार की देर रात फांसी लगाकर जा दे दी। मां मुन्नी ने फंदे से लटका बेटे का शव देखा तो घटना की जानकारी हुई। परिजनों का आरोप है कि 10 दिन पूर्व मयंक गलती से मोबाइल लेकर स्कूल चला गया था। क्लास में मोबाइल पकड़े जाने के कारण शिक्षकों और वाइस प्रिंसिपल ने अपमानित किया। एक सप्ताह के लिए क्लास से सस्पेंड कर दिया गया। मामले में वाइस प्रिंसिपल ने मयंक के माता-पिता को फोन कर खूब खरी खोटी सुनाया था। माता-पिता जब स्कूल गए तो उन्हें अपमानित किया गया। मोबाइल ले जाने के कारण माता-पिता की बेइज्जती करने से मयंक काफी आहत था और इसी से आहत होकर मौत को गले लगा लिया ।
आशा खबर / शिखा यादव