खादी प्रेमी बाल गंगाधर तिलक किसानों एवं मजदूरों तथा गांव गरीब के लिए आजीवन संघर्ष किया। क्रांतिकारी पत्रकार होने के साथ ही उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों का सदैव विरोध किया। उक्त बातें सोमवार को तिलक की 102वीं पुण्यतिथि के अवसर पर कानपुर तिलक वाटिक नाना राव पार्क स्थित बाल गंगाधर तिलक की प्रतिमा पर पुष्पांजलि करने बाद वरिष्ठ समाजसेवी सुरेश गुप्ता ने कहीं।
उन्होंने बताया कि तिलक जी सदैव स्वदेश कपडों को पहना, वह कुटीर उद्योगों की स्थापना की मांग सदैव उठाते रहे। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सृजन हो सके। जिससे ग्रामीणों का जीवन स्तर में सुधार आ सके। समाज में व्याप्त कुरीतियों का वह सदैव विरोध करने के साथ महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया। तिलक जी ब्रिटिस सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ विरोध करने के साथ अखबारों के माध्यम से जनता की समस्याओं को सदैव उठाया। जिसके चलते उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा चला और उन्हें छह वर्ष के लिए
आशा खबर / शिखा यादव