केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि अवसंरचना कोष से किसानों की समस्याएं दूर हो रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने से उद्देश्य से यह अभियान शुरु किया था जो अब सफलता के पायदान चढ़ रही है।
तोमर ने शनिवार को इस महत्वाकांक्षी योजना में सफलतापूर्वक भागीदारी करने वाले बैंकर्स, राज्य सरकारों व अन्य संबंधित संस्थाओं को पूसा, नई दिल्ली में पुरस्कृत करने के दौरान कहा कि देश में कृषि उत्पादकता बढ़े, कृषि निर्यात में महारथ हासिल कर सके, कृषि क्षेत्र रोजगार की उपलब्धता वाला हो और नई पीढ़ी को आकर्षित करने वाला हो, इसके लिए कृषि अवसंरचना कोष लाया गया है।
तोमर ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में कृषि और इससे संबद्ध क्षेत्रों के लिए डेढ़ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का इन्वेस्टमेंट हो रहा है। इसका उपयोग राज्य सरकारों और बैंकों को मिलकर कृषि क्षेत्र के विकास में, गैप भरने हुए करना चाहिए, राज्यों के लिए यह बहुत अच्छा अवसर है। राज्य सरकारें अपने यहां किसानी को मजबूत व समृद्ध बनाने में इसका उपयोग करें।
तोमर ने कहा कि कृषि उत्पादों की दृष्टि से आज भारत दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल है। इस क्षेत्र में आगे बढ़ना है तो चुनौतियों की पहचान कर उस पर विजय प्राप्त करनी होगी। देश में 86 फीसदी छोटे किसान हैं, जिनके पास दो हेक्टेयर से कम भूमि है, वहीं देश की 55 से 69 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है। ऐसे में कृषि क्षेत्र को उन्नत बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में पिछले आठ वर्षों से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
तोमर ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) को 07 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। बैंक सरल ऋण की सुविधा दे रहे हैं। इसके साथ ही किसानों के लिए 10 हजार किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने का काम किया जा है ताकि खेती का रकबा बढ़े, उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार हो और किसानों को उनके उत्पादन की अच्छी कीमत मिल सके।
आशा खबर/रेशमा सिंह पटेल