दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने राजस्थान में मल्टी लेवल मार्केटिंग के नाम पर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी करने वाले जालसाज को गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान ओमी राम उर्फ राम मारवाड़ी के रूप में हुई है। उसके खिलाफ 50 से ज्यादा मामले विभिन्न थानों में दर्ज है। इनमें से 46 मामलों में अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था। वर्ष 2020 में वह दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार हुआ था लेकिन उसने अपना असली नाम नहीं बताया था।
अपराध शाखा के डीसीपी विचित्र वीर ने शुक्रवार को बताया कि अपराध शाखा की टीम को सूचना मिली थी कि राजस्थान का रहने वाला ओमी राम ठगी के 59 मामलों में शामिल है। 46 मामलों में कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा है। कई मामलों में उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी है। इन मामलों में वह लगातार फरार चल रहा है। राजस्थान पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर इनाम भी घोषित किया हुआ है।
पुलिस को पता चला कि वह नॉर्मल कॉल इस्तेमाल नहीं करता और सोशल मीडिया ऐप के जरिए ही अपने परिवार एवं दोस्तों से बात करता है। पुलिस टीम लगभग छह महीने से उसके बारे में छानबीन कर रही थी।
हाल ही में पुलिस को पता चला कि वह रोहिणी सेक्टर 11 में मौजूद है, लेकिन पुलिस के पास उसकी तस्वीर नहीं थी। पुलिस को यह भी पता चला कि वह नजफगढ़ में रेप के मामले में गिरफ्तार किया गया था। वहां से पुलिस ने उसकी फोटो हासिल की। इसके बाद एसीपी अनिल शर्मा की देखरेख में इंस्पेक्टर सतीश मलिक और एसआई जितेंद्र माथुर की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसकी गिरफ्तारी की जानकारी राजस्थान पुलिस को दे दी गई है।
आरोपित ने पुलिस को बताया कि वह पहले बीएसएफ में कुक की नौकरी करता था। 2007 में उसने जयपुर में सिक्योरिटी एजेंसी खोली थी। उसने 60 कर्मचारियों को रखा और बाद में यह सिक्योरिटी एजेंसी किसी को बेच दी। इसके बाद उसने मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी मिताशी मार्केटिंग एंड कंसलटेंसी प्राइवेट लिमिटेड के साथ एजेंट के तौर पर काम किया। यहां उसने लगभग डेढ़ करोड़ रुपये कमाए।
2008 में उसने अपनी नई कंपनी मिताशी ट्रेड लिंक एंड प्राइवेट लिमिटेड नाम से खोल ली। इसमें वह एमडी था। उसके अलावा विजेंद्र सिंह चेयरमैन, डीसी यादव एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, मदन मोहन मीणा डायरेक्टर के पद पर कार्यरत था।
यह कंपनी नए सदस्यों को लाने पर कमीशन देती थी। नए मेंबर को 4000 रुपये जमा कराने होते थे। जॉइनिंग पर उसे 400 रुपये का एक सफारी सूट दिया जाता था। प्रत्येक व्यक्ति को आगे कम से कम 10 लोगों को जोड़ना था। एक वर्ष तक प्रत्येक महीने दो लाख रुपये टारगेट पूरा करने वाले एजेंट को बाइक तोहफे में दी जाती थी।
इस तरीके से हजारों लोगों ने उसकी कंपनी में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जमा कराई थी। इसे लेकर वह फरार हो गया था। 2011 में उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हुए थे। इसलिए वह राजस्थान से भागकर इंदौर चला गया और वहां पर उसने एक को ऑपरेटिव सोसाइटी का लाइसेंस लिया। वहां पर वह राम मारवाड़ी के नाम से रहता था।
उसने कई जगह पर अलग-अलग कारोबार किए जिनमें उसे घाटा हुआ। 2014 में वह दिल्ली आ गया था और यहां पर प्रॉपर्टी का कारोबार करने लगा। 2018 में उसने कैशबैक बाजार नाम से नजफगढ़ में ग्रॉसरी स्टोर खोला था, लेकिन वह नहीं चला. 2020 में उसे नजफगढ़ पुलिस ने रेप के मामले में गिरफ्तार किया था। उस समय उसने अपना नाम राम मारवाड़ी बताया था। 2021 में उसने अपना कार्ट नाम से ई-कॉमर्स प्लेटफार्म शुरू किया था। वह फिलहाल इंदौर में किराए के मकान में रहता था।
गिरफ्तार आरोपित ओमाराम उर्फ राम मारवाड़ी राजस्थान के जोधपुर का रहने वाला है। वह पहले बीएसएफ में कुक की नौकरी करता था। दो साल ही उसने यह नौकरी की। वहां से काम छोड़ने के बाद उसने मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी में काम किया और इसके बाद अपनी ही मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी खोलकर उसमें लोगों के साथ ठगी की।
आशा खबर/रेशमा सिंह पटेल