शहर के नामी स्कूलों का दावा है कि बच्चों की मॉनिटरिंग के लिए उनकी ओर से एक व्यवस्था बनाई गई है। इसके तहत पहले उन्हें समझाने की कोशिश की जाती है। अभिभावकों से भी बात की जाती है।
लों में शिक्षकों की निगरानी और काउंसलर्स के मार्गदर्शन के बावजूद बच्चे बिगड़ रहे हैं। दो दिन पहले शहर के नामी स्कूलों से जुड़े छात्र बमबाजी की घटनाओं में लिप्त पाए गए हैं। ऐसे में छात्रों को पढ़ाने और समझाने के तरीके पर सवाल उठ रहे हैं। बिगड़ैल छात्र इस कदर कैसे मनबढ़ हो गए कि स्कूल के बाहर मारपीट और बमबाजी करने से भी नहीं डर रहे। इनकी सोहबत और राह बिगड़ती रही जिसकी जानकारी न तो स्कूल प्रबंधन और न ही अभिभावकों को हो सकी।
शहर के नामी स्कूलों का दावा है कि बच्चों की मॉनिटरिंग के लिए उनकी ओर से एक व्यवस्था बनाई गई है। इसके तहत पहले उन्हें समझाने की कोशिश की जाती है। अभिभावकों से भी बात की जाती है। चेतावनी के बाद भी नहीं माने तो कार्रवाई की जाती है। हालांकि स्कूलों के दावे तब सवालों के घेरे में खड़े नजर आते हैं जबकि इन्हीं स्कूलों के बच्चे बमबाजी व फायरिंग की घटनाओं में संलिप्त पाए गए। जानकारों का कहना है कि ऐसे में व्यवस्था के बाद भी छात्रों की आपराधिक मामलों में संलिप्तता बेहद चिंताजनक है।
क्या बोले प्रधानाचार्य
प्रधानाचार्य ने आगे बढ़कर एफआईआर कराई। सीसीटीवी फुटेज से आरोपी की पहचान में मदद की। हर बच्चे की निगरानी होती है। अनुपस्थित बच्चों के अभिभावकों को मैसेज भेजा जाता है। गलत हरकत पर बुलाया जाता है। चेतावनी दी जाती है। काउंसलर की भी व्यवस्था है। – सीबी ल्यूक-कोआर्डिनेटर बीएचएस ।
स्कूल में बच्चों के व्यवहार में बदलाव महसूस होता है तो उनके लिए काउंसलर की व्यवस्था है। अभिभावकों को बुलाकर भी काउंसलिंग कराई जाती है। अभिभावकों को भी बच्चों पर नजर रखनी चाहिए। संवाद जरूर करें। शिक्षक-अभिभावक गोष्ठी में एक-एक बच्चे से बात की जाती है। – नित्यानंद सिंह, प्रधानाचार्य-पतंजलि ऋषिकुल स्कूल।
स्कूल में काउंसलर हैं, जो हर बच्चे से बाकायदा बात करते हैं और उनकी समस्या के लिए सुझाव भी देते हैं। कल की घटना के बाद बच्चों को चिन्ह्ति किया जा रहा है। उनकी काउंसलिंग कराने के साथ अभिभावकों को भी बुलाया जाता है। मंगलवार की घटना के बाद नौवीं के सभी छात्रों के मोबाइल नंबर क्रॉस चेक कराए जा रहे हैं। पता लगाया जा रहा है कि यह उनके अभिभावक का मोबाइल नंबर है या नहीं। अभिभावकों को भी गंभीरता से सोचने की जरूरत है। – विशाल सिंह- प्रधानाचार्य -बिशप जॉनसन स्कूल एंड कॉलेज
बमबाजी के आरोप में गिरफ्तार छात्रों के स्कू ल प्रबंधन बाल संप्रेक्षण गृह की सूचना पर आरोपी छात्रों पर निष्कासन की कार्रवाई करेंगे। प्रधानाचार्यों का कहना है कि अभी उन्हें जानकारी नहीं है। लेकिन बाल संप्रेक्षण गृह से जन्मतिथि के सत्यापन के लिए सूचना आएगी। इस आधार पर आरोपी छात्र की पहचान कर निष्कासन की कार्रवाई करेंगे।
इन स्कूलों के बच्चों हुए हैं गिरफ्तार
बीएचएस के छह बच्चे, बिशप जॉनसन स्कूल एंड कॉलेज, महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर, श्री महाप्रभु पब्लिक स्कूल, जीआईसी और डीपीएस के एक-एक बच्चे बमबाजी की घटना में गिरफ्तार हुए हैं।
शहर में बमबाजी की वारदातों से पुलिस की नाम में दम करने वाले तांडव, इममोरटल ग्रुप के फरार सदस्यों की भी तलाश शुरू हो गई है। पुलिस के साथ ही एसओजी को भी इसके लिए लगाया गया है। तांडव में 100 तो इममोरटल में 40 सदस्य हैं, जिनमें से ज्यादातर अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं।
पुलिस ने एक दिन पहले इममोरटल ग्रुप के 11 सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। यह सभी इममोरटल के सदस्य हैं जबकि पिछले दिनों दारागंज में हुई बमबाजी की वारदात में तांडव ग्रुप के सदस्य जेल भेजे गए थे। एक दिन पहले गिरफ्तार किए गए छात्र बिशप जॉनसन, ब्वॉयज हाईस्कूल, डीपीएस, जीआईसी, महाप्रभु पब्लिक स्कूल और महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर के छात्र हैं। इनसे पूछताछ में ही पता चला था कि इनके ग्रुप में कई और सदस्य भी हैं। इसके अलावा लॉरेंस, रामदल, सोलिटेयर समेत कई अन्य ग्रुप के नाम भी उन्होंने बताए थे। इसके तहत ही पुलिस फरार सदस्यों की भी तलाश में लगी हुई है।
स्कूलों को भेजी जाएगी रिपोर्ट
फिलहाल जो छात्र गिरफ्तार किए गए हैं, उनके संबंध में रिपोर्ट उनके स्कूलों को भी भेजी जाएगी। बताया जाएगा कि वह इस तरह की वारदात में शामिल रहे और उन पर पुलिस पर इस संबंध में यह कार्रवाई की गई। स्कूलों से यह भी कहा जाएगा कि वह संबंधित छात्रों के अभिभावकों को बुलाकर उनसे बात करें।