ऑनलाइन 1 वर्षीय डिप्लोमा एवं छह माह का प्रमाण पत्रीय पाठ्यक्रम संचालित होगा
सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी विश्वविद्यालय के उन्नति के दिशा में अनवरत प्रयास कर रहे है। उनकी पहल पर विश्वविद्यालय में संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान, नई दिल्ली के सहयोग से एक वर्षीय डिप्लोमा एवं छह माह का प्रमाणपत्रीय पाठ्यक्रम संचालित किया जायेगा। बुधवार को विश्वविद्यालय और संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान के बीच संयुक्त हस्ताक्षर कर एक समझौता (एमओयू) किया गया।
कुलसचिव केशलाल ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा नामाकंन एवं परीक्षा संचालित की जायेंगी। उन्होंने बताया कि संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान से ऑनलाइन संचालित होने वाले पाठ्यक्रम में श्रीमद्भागवतगीता, योग, वेदान्त, आयुर्वेद साहित्य, नाट्य शास्त्र, रामायणम्, संगीत, भारतीय गणित, भारतीय ज्योतिष, वास्तु शास्त्र , धर्मशास्त्र और अर्थशास्त्र है। कुलसचिव ने बताया कि इन 12 विषयों के पाठ्यक्रमों में एक वर्षीय डिप्लोमा एवं छह माह का प्रमाणपत्रीय पाठ्यक्रम के प्रवेश नियमावली शीघ्र ही निर्माण कर ऑनलाइन संचालन संस्कृत संवर्धन करेंगा। विश्वविद्यालय द्वारा नामाकंन एवं परीक्षा संचालित की जायेंगी।
कुलसचिव केशलाल ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी एवं कुलसचिव और संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान के निदेशक प्रो. चांद किरण सलूजा, प्रतिष्ठान के कार्यपालक लक्ष्मी नरसिम्हा ने समझौते पर हस्ताक्षर किया।
पाठ्यक्रम के संचालन से विद्यार्थियों को अमूलचूल लाभ प्राप्त होगा
विवि के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने अनुबंध होते ही कहा कि संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान के द्वारा 12 विषयों मे ऑनलाइन पाठ्यक्रम संचालित करने के साथ पाठ्य सामग्री एवं अध्यापन कार्य किये जायेंगे। सभी पाठ्यक्रम में जो आय होगा, उसमें से 35 प्रतिशत विश्वविद्यालय के खाते मे आयेगा। शेष राशि संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान अपने पाठ्यक्रम संचालन में सम्पूर्ण व्यय करेगा।
प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि सभी 12 पाठ्यक्रम के संचालन से विद्यार्थियों को अमूलचूल लाभ प्राप्त होगा। सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का प्रमाण पत्र आदि विश्वविद्यालय द्वारा ही दिये जायेंगे। इस संबंध में संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान के निदेशक प्रो0 चांद किरण सलूजा ने बताया कि यह प्रतिष्ठान सदैव विद्यार्थियों के सुविधा को ध्यान मे रखकर ही अपने पाठ्यक्रम संचालित करती आ रही है। उसी क्रम में यहां के सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में ऑनलाइन विभिन्न तरह के पाठ्यक्रम संचालित करने का अनुबंध किया गया है।
आशा खबर / शिखा यादव