देश के पांच और स्थलों को रामसर संधि के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि के रूप में मान्यता दी गई है। इसी के साथ देश में ऐसे स्थलों की संख्या 49 से बढ़कर 54 हो गयी है। जिन पांच नए स्थलों को रामसर सूची में शामिल किया गया है उनमें तमिलनाडु के तीन और मिजोरम एवं मध्य प्रदेश का एक-एक स्थल शामिल है।
तमिलनाडु के जिन तीन स्थलों को शामिल किया गया है उनमें करीकिली पक्षी अभयारण्य, पल्लिकरनई मार्श रिजर्व फॉरेस्ट और पिचवरम मैंग्रोव शामिल हैं। वहीं, मिजोरम में पाला आर्द्रभूमि और मध्य प्रदेश में साख्य सागर को भी इस सूची में शामिल किया गया है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने ट्वीट कर कहा कि देश पर्यावरण संरक्षण एवं अपनी आर्द्रभूमि को संरक्षित करने के प्रति गंभीर है। इसे संरक्षित करने के लिए देश में लगातार सुधार किया जा रहा है।
रामसर सूची का उद्देश्य आर्द्रभूमि का एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क विकसित करना है, जो वैश्विक जैविक विविधता के संरक्षण एवं मानव जीवन को बनाए रखने के लिए उनके पारिस्थितिकी तंत्र घटकों और लाभों के रखरखाव के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं।रामसर संधि आर्द्रभूमि के संरक्षण से संबंधित एक अंतरराष्ट्रीय संधि है। इसका नाम कैस्पियन सागर स्थित ईरानी शहर रामसर के नाम पर रखा गया है, जहां दो फरवरी 1971 को संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस संधि को 1975 में लागू किया गया।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल