स्वास्थ्य विभाग में गलत तरीके से हुए स्थानान्तरण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर गाज गिरना शुरू हो गया है। स्थानांतरण में हुई गड़बड़ियों के लिए चार लोगों को निलम्बित किया गया है। इसमें दो अपर निदेशक, एक संयुक्त निदेशक और एक प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं।
इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मचारी व चिकित्सक संतुष्ट नहीं है। चिकित्सकों व स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मचारियों का कहना है कि अभी भी दोषियों को बचाया जा रहा है। अगर ठीक से जांच हो तो गड़बड़ी किसने की यह भी सामने आयेगा और दोषी पाये जाने वालों पर कार्यवाही भी होगी।
स्वास्थ्य विभाग में स्थानान्तरण में हुई अनियमितता के विरोध में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद आन्दोलनरत हैं। सोमवार को राज्यकर्मचारी संयुक्त परिषद के बैनर तले जहां प्रदेशभर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर धरना दिया गया। वहीं, मंगलवार को सरकारी अस्पतालों में दो घंटे का कार्यबहिष्कार कर विरोध जताया। राजधानी लखनऊ के बलरापुर चिकित्सालय, लोहिया, भाऊराव देवरस और सिविल अस्पताल में कार्यरत फार्मासिस्टों ने दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया।
उत्तर प्रदेश फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि गलत स्थानांतरण को निरस्त करने की मांग को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों ने सुबह 8 बजे से लेकर 10 बजे तक कार्य बहिष्कार करने की बात कही थी, इसी के तहत आज सरकारी अस्पतालों में दो घंटे कार्य बहिष्कार किया।
आशा खबर / उर्वशी विश्वकर्मा