यूपी एटीएस ने वास्तविक नोट के बदले उच्च गुणवत्ता की चार गुना भारतीय जाली मुद्रा देने का झांसा देकर लूट करने वाले गिरोह के दो सदस्यों रामायण सिंह और विमल पटेल को पालघर के नालासोपारा से गिरफ्तार किया है। दोनों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। गौरतलब है कि गिरोह के 5 सदस्य पहले ही धर दबोचे जा चुके है।गिरफ्तार आरोपी रामायण सिंह उर्फ सचिन सिंह इस गिरोह का मास्टरमाइंड है। वह वाराणसी के फूलपुर थाना क्षेत्र स्थित गंगापुर मंगारी गांव का रहने वाला है। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह अपने साथी हरिओम दुबे के साथ मिलकर वर्ष 2013 से अब तक यूपी, राजस्थान, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, गुजरात और महराष्ट्र के लोगों से लगभग 5 करोड़ रुपये की लूट कर चुका है। उसके साथ गिरफ्तार विमल पटेल जौनपुर जिले के नेवढ़िया थाना क्षेत्र के नएपुर गांव का रहने वाला है।एटीएस के अनुसार, यह गिरोह लोगों को उच्च गुणवत्ता की जाली भारतीय मुद्रा उपलब्ध कराने का झांसा देता था और लालच में आकर ग्राहक जब पैसे लेकर आता था तो उसे लूट लेते थे। झांसा देने के लिए ये लोग नोट के आकार का कागज लेकर उसे डाई से प्रिंट करके दिखाने का छलावा करते थे, जबकि ग्राहक को असली नोट ही देते थे। इस गिरोह ने 27 अक्तूबर 2021 को प्रयागराज के एक व्यवसाई को दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में धोखे से बुलाकर उससे लगभग 90 लाख रुपये लूट लिए थे। घटना के बाद लूट के धन के बंटवारे के लिए गिरोह के सदस्य लखनऊ आए थे। इस सूचना पर 29 अक्तूबर 2021 को एटीएस ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों के कब्जे से 44.77 लाख रुपये बरामद हुए थे। दोनों के विरुद्ध लखनऊ के गोमती नगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।आरोपी रामायण सिंह ने बताया कि, उसने लूट के पैसे से पालघर जिले में नालासोपारा राजवड़ी बीच पर रिसार्ट बना लिया है,जहां वह आराम की जिंदगी जी रहा था। उसने मुंबई के अलावा अन्य शहरों में भी संपत्तियां बनाई हैं। हालांकि आरोपियों को 3 दिन तक पुलिस रिमांड मिली है !
आशा खबर / उर्वशी विश्वकर्मा