पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति में भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार राज्य के तत्कालीन शिक्षा मंत्री और ममता कैबिनेट में उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी को कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर सोमवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ओडिशा के भुवनेश्वर ले गई।
एसएसकेएम अस्पताल से एंबुलेंस से पार्थ को कड़ी सुरक्षा के बीच कोलकाता हवाई अड्डे ले जाया गया। वहां से एयर एंबुलेंस से उन्हें भुवनेश्वर भेजा गया है। भुवनेश्वर एम्स में उनकी जांच होगी। इसके बाद आज ही उनकी कोर्ट में पेशी होनी है।
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि वर्चुअल माध्यम से शाम 4:00 बजे पार्थ चटर्जी को कोर्ट में पेश किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार से जुड़े ईडी सूत्रों ने जानकारी दी है कि शनिवार को गिरफ्तारी के वक्त पार्थ चटर्जी ने अपने गिरफ्तारी ज्ञापन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम दिया है। दरअसल नियम है कि अगर किसी को गिरफ्तार किया जाता है तो उस व्यक्ति का नाम, पता और संपर्क नंबर लिया जाता है जिससे हिरासत में रहने के दौरान वह संपर्क करना चाहते हैं। उस व्यक्ति की जगह पर पार्थ चटर्जी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम लिखा है।
अस्पताल में डॉन की तरह बर्ताव किया पार्थ नेः शुक्रवार और शनिवार को ईडी के अधिकारियों ने 28 घंटे तक नाकतला स्थित पार्थ के आवास पर तलाशी अभियान चलाया था। वहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए। ग्रुप डी और ग्रुप सी नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज भी पार्थ के घर से मिले हैं। उनके घर से उनकी करीबी महिला अर्पिता मुखर्जी का नाम, पता, फोन नंबर और अन्य दस्तावेज मिले। इसके बाद शुक्रवार शाम अधिकारी टॉलीगंज में अर्पिता के घर जा पहुंचे। वहां तलाशी अभियान चलाने के दौरान 20 करोड़ रुपये नकद, 79 लाख के जेवर, विदेशी मुद्रा और 20 मोबाइल फोन बरामद हुए। सूत्रों ने बताया है कि यह नकदी पार्थ चटर्जी की है जो कथित तौर पर शिक्षक नियुक्ति के लिए घूस के तौर पर ली गई। इसके बाद पार्थ और अर्पिता दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। शुक्रवार को पार्थ को कोर्ट में पेश किया गया तो उन्होंने अपनी तबीयत खराब होने की बात कही। इसके बाद बैंकशाल कोर्ट ने उन्हें राजकीय अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश दिया। उसके बाद रविवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ में याचिका लगाई गई और दावा किया गया कि पार्थ पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इसमें कहा गया कि ईडी की हिरासत और पूछताछ से बचने के लिए तबीयत खराब होने का बहाना बना रहे हैं। ईडी की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कोर्ट को बताया कि अदालत में पार्थ डॉन की तरह बर्ताव कर रहे हैं और पूछताछ में बिल्कुल सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया था कि बैंकशाल कोर्ट में उनकी पेशी के दौरान ईडी ने उनकी सेहत की जांच के लिए कमांड अस्पताल अथवा ईएसआई जोका में भर्ती करने की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने उनकी एक न सुनी। इसके बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने पार्थ की चिकित्सकीय जांच के लिए भुवनेश्वर एम्स ले जाने का आदेश दिया।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल