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CISCE ISC 12th Result 2022: इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भविष्य बनाना चाहते हैं टॉपर, बताया सफलता का राज

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उत्तराखंड टॉपर वैभव अरोड़ा

आईसीएसई बोर्ड की परीक्षा में उत्तराखंड में संयुक्त रूप से पहले और दूसरे स्थान पर आने वाले टॉपर छात्र-छात्राएं वित्त और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भविष्य बनाना चाहते हैं। कारमन रेजीडेंस एंड डे स्कूल प्रेमनगर, नंदा की चौकी के छात्र वैभव अरोड़ा ने प्रदेश में संयुक्त रूप से पहला स्थान और देश में दूसरी रैंक हासिल की है। वैभव इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, बड़े भाई की प्रेरणा और शिक्षकों के प्रयास के साथ ही खुद की मेहनत को देते हैं। बताया कि उन्होंने सेल्फ स्टडी की है। कहीं कुछ संदेह होता था तो शिक्षक से पूछ लेते थे।

पूरे साल अंग्रेजी, एकाउंटेंसी और गणित विषय के अध्ययन पर फोकस रखा। अर्थशास्त्र, कामर्स और फिजिकल एजुकेशन को साल में कभी कभार पढ़ा। परीक्षा के वक्त इन विषयों को भी पूरा समय दिया।

माता रीना अरोड़ा, पिता शेखर अरोड़ा और बड़े भाई प्रखर अरोड़ा का भी सफलता में बड़ा सहयोग रहा। प्रखर अरोड़ा की दो साल पहले इंटरमीडिएट में 98.5 प्रतिशत अंक आए थे। जिस पर भारत सरकार की ओर से प्रखर को स्कॉलरशिप भी मिल रही है। वह अभी दिल्ली विवि में फिजिक्स से बीएससी ऑनर्स कर रहा है। प्रखर से भी वैभव को बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिली। वैभव ने बताया कि वह सरकारी नौकरी के बजाय कॉरपोरेट सेक्टर में वित्त विशेषज्ञ बनना चाहते हैं। पिता बिजनेसमैन हैं और शेयर मार्केट का भी कार्य करते हैं।

आकर्ष गुंजेश

 

इंजीनियर बनना चाहते हैं आकर्ष गुंजेश
सेंट जोसेफ्स एकेडमी देहरादून के छात्र आकर्ष गुंजेश ने उत्तराखंड में दूसरा स्थान और ऑल इंडिया में तीसरी रैंक प्राप्त की है। आकर्ष के पिता चंद्रेश यादव वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में उत्तराखंड शासन में सचिव हैं। आकर्ष इस सफलता का श्रेय अपने पिता चंद्रेश यादव और माता गुंजन यादव के साथ ही शिक्षकों और अपनी मेहनत को देते हैं।आकर्ष भविष्य में इंजीनियर बनना चाहते हैं। आकर्ष ने बताया कि वह रोजाना आठ घंटे की पढ़ाई करते थे। परीक्षा के दिनों में तनाव कम करने के लिए पढ़ाई के घंटे छह तक कर दिए थे। पेंटिंग बनाने और फुटबाल व बैडमिंटन खेलना उनके शौक हैं। वह इंजीनियर बनना चाहते हैं।

सार्थक वात्सा

 

स्पेस इंजीनियर बनना चाहते हैं सार्थक वात्सा
ब्राइटलैंड्स स्कूल के छात्र सार्थक वात्सा ने प्रदेश में दूसरा और ऑल इंडिया रैंक में तीसरा स्थान हासिल किया है। सार्थक सफलता का श्रेय माता-पिता, शिक्षकों, ईश्वर और नियमित अध्ययन को देते हैं। सार्थक के पापा रूपेश कुमार त्यागी डीबीएस पीजी कॉलेज में फिजिक्स के विभागाध्यक्ष और मम्मी पूनम त्यागी एमकेपी पीजी कॉलेज में गृह विज्ञान की विभागाध्यक्ष हैं।सार्थक पढ़ने-लिखने के अलावा गाना सुनना, क्रिकेट खेलना व देखना पसंद करते हैं। सार्थक ने बताया कि वह भविष्य में स्पेस इंजीनियर बनना चाहते हैं। जेईई मेंस निकाल चुके हैं और अब अगले महीने जेईई एडवांस देकर आईआईटी से स्पेस इंजीनियरिंग करेंगे। इसके लिए वह सेल्फ स्टडी कर रहे हैं। कुछ दिक्कत होती हैं, तो अपने एक शिक्षक से पूछ लेते हैं। सार्थक की छोटी बहन आराध्या ब्राइटलैंड स्कूल में ही कक्षा छह में पढ़ती है।

संस्कार ध्यानी

 

इंजीनियर बनना है संस्कार का लक्ष्य
आईएससी इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में तीर्थनगरी के तीन जुड़वां भाई बहनों में संस्कार ध्यानी ने प्रदेश में पहला और देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। संस्कार ने 99.5 फीसदी अंक प्राप्त कर प्रदेश और देश का मान बढ़ाया है। छात्र की इस उपलब्धि से विद्यालय प्रशासन और उनके परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई। विद्यालय और घर पर छात्र को बधाई देने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है।गंगानगर निवासी मेधावी छात्र संस्कार ध्यानी ने बताया कि उनके पिता गणेश ध्यानी एक शिक्षक हैं। जो वर्तमान में राजकीय इंटर कॉलेज चाका में सेवाएं दे रहे हैं। मां मूंज रानी गृहणी हैं। वह दो बहन और एक भाई हैं। जो तीनों जुड़वा हैं, साथ ही तीनों भाई-बहनों ने एक साथ इस बार आरपीएसी स्कूल से इंटरमीडिएट बोर्ड की परीक्षा दी है। जिसमें उनकी बहन श्रृंगार और संस्कृति ने भी इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। और संस्कार ने प्रदेश में पहला और देश में दूसरा स्थान हासिल कर तीर्थनगरी का मान बढ़ा दिया। संस्कार ने बताया कि उनका सपना इंजीनियर बनना है। इसके लिए वह हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि वह मोबाइल का इस्तेमाल कम करते हैं। उनका ध्यान फोन पर कम पढ़ाई पर अधिक रहता है। संस्कार ने गणित में 100, अंग्रेजी में 99, रसायन विज्ञान में 99 और कंप्यूटर में 100 अंक प्राप्त किए हैं। इस उपलब्धि के लिए उन्होंने अपने माता-पिता और गुरुजनों को इसका श्रेय दिया है।

आरपीएस के प्रधानाचार्य शैलेेंद्र भंडारी ने बताया कि मुझे विद्यालय में कार्य करते हुए दस वर्ष बीत गए हैं। हमारा लक्ष्य विद्यालय के बच्चों को देश में पहले स्थान पर लाना है। हमारा यही प्रयास रहेगा। उन्होंने मेधावी छात्र को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छात्र सुशील है, इसका अपने काम के प्रति समर्पित रहा है। यह हमेशा अव्वल रहा है। यह विलक्षण प्रवृत्ति का छात्र है। इस छात्र से विद्यालय को बहुत उम्मीद थी। वह विद्यालय के उम्मीदों पर खड़ा उतरा है।

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रुचिका

चार्टेड अकाउंटेंट बनना चाहती हैं रुचिका

पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी क्षेत्र के दार्जिलिंग निवासी यूनिसन वर्ल्ड स्कूल की रुचिका अग्रवाल ने भी प्रदेश में दूसरा और ऑल इंडिया स्तर पर तीसरा स्थान हासिल किया है। रुचिका ने यूनिसन वर्ल्ड स्कूल में हॉस्टल में रहकर पढ़ाई की। उनके पिता अजीत अग्रवाल चार्टेड अकाउंटेंट हैं और सिलिगुड़ी में रहते हैं। माता प्रियंका अग्रवाल गृहिणी हैं। रुचिका इस सफलता का सबसे ज्यादा श्रेय अपने पिता को देती हैं।

रुचिका का कहना है कि कक्षाओं के बाद हॉस्टल से उन्हें 10-15 मिनट के लिए फोन से अभिभावकों से बात करने की अनुमति दी जाती थी। इस दौरान दिनभर पढ़ाई से लेकर जो भी समस्या होती पिता को बताती थी। बकौल रुचिका पापा हर समस्या का समाधान निकालने में मदद करते थे। इसमें मम्मी की भूमिका भी प्रेरक की तरह होती थी। शिक्षकों ने भी पूरा सहयोग दिया। बताया कि वह भी भविष्य में पिता की तरह चार्टेड अकाउंटेंट बनना चाहती हैं। उनका एक छोटा भाई यशवीर अग्रवाल सिलीगुड़ी में ही चौथी कक्षा में पढ़ता है।

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