Search
Close this search box.

गांव-गरीब-किसान को प्रधानमंत्री मोदी ने दी प्राथमिकता : तोमर

Share:

नरेन्द्र सिंह तोमर

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि गांव, गरीब,किसान को पीएम मोदी ने प्राथमिकता दी है। केन्द्र में मोदी सरकार आने के बाद से देश के किसानों की हालत अच्छी हुई है। तोमर ने कहा कि किसानों को दीन-हीन भावना से प्रस्तुत करने की कोशिश होती रही है लेकिन हमारे किसान भाई-बहन ऐसे नहीं है। किसान दुःखी, बेचारा, भूखा या विपन्न नहीं है, बल्कि इस शब्दावली से बाहर निकलने की जरूरत है। किसान गरीब हो सकता है, उसकी खेती का रकबा छोटा हो सकता है लेकिन इसके बावजूद वह न केवल अपने परिवार का गुजर-बसर करता है बल्कि देश की कृषि अर्थव्यवस्था में भी योगदान देता है। किसान और किसानी को सम्मान से जोड़ना चाहिए।

तोमर ने शुक्रवार को भारतीय कृषि का स्वदेश और वैश्विक समृद्धि में योगदान विषय पर भारतीय किसान संघ और भारतीय एग्रो-इकॉनॉमिक रिसर्च सेंटर की ओर से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को सबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जब किसानों को आय में सहायता करने के लिए योजना बनाई तो उसे किसान सम्मान निधि नाम दिया। इस योजना के अंतर्गत किसानों को छह हजार रुपये प्रतिवर्ष दिए जाते हैं और अभी तक लगभग साढ़े ग्यारह करोड़ किसानों को दो लाख करोड़ रु. सीधे उनके बैंक खातों में जमा किए जा चुके हैं। आजादी के बाद पहली बार किसान को सम्मानजनक शब्द से सम्मानित करने का काम किया गया है।

तोमर ने पूसा नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार देश को स्वस्थ व अग्रणी राष्ट्र बनाने के लिए विभिन्न मोर्चों पर कार्य कर रही है, वहीं गांव-गरीब-किसान को प्रधानमंत्री प्राथमिकता दे रहे हैं। गांवों का विकास हो, गरीबी का उन्मूलन हो, गैर-बराबरी समाप्त हो, किसान खुशहाल हों और किसानी उन्नत रूप में विकसित हो, यह मोदी सरकार की प्राथमिकता है। इस प्राथमिकता पर केंद्र व राज्य सरकारें और वैज्ञानिक काम कर रहे हैं, वहीं किसान भी परिश्रम कर रहे हैं। इसी का परिणाम हम देखते हैं कि भारत दिनों-दिन समृद्धता की ओर अग्रसर हो रहा है। यह समृद्धता और बढ़े, इसके लिए कृषि के समक्ष विद्यमान चुनौतियों पर विचार-विमर्श कर उनका निराकरण करने की आवश्यकता है, जिस पर सरकार का ध्यान है लेकिन समाज के सहकार के बिना सभी सुधार किए जाना संभव नहीं है।

उल्लेखनीय है कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में मॉरीशस के कृषि उद्योग व खाद्य सुरक्षा मंत्री मनीष गोबिन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए के प्राध्यापक पद्मश्री डॉ. प्रोफेसर रतनलाल, इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर साइंस व क्यू डेल्टा राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ वियतनाम के महानिदेशक डॉ. प्रो. बुई ची बुउ, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र, उप महानिदेशक डॉ. ए.के. सिंह, भारतीय किसान संघ के संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी, भारतीय एग्रो-इकोनॉमिक रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष डॉ. जलपतिराव व महासचिव प्रमोद चौधरी, आयोजन सचिव डॉ. मकरंद करकरे सहित अनेक प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।

आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news