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देश में बन रहे माहौल से भावावेश में आकर गौहर ने की भड़काऊ नारेबाजीः एसपी

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गौहर चिश्ती

मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के बाहर खड़े होकर भड़काऊ बयान देने व नारेबाजी करने के आरोपित खादिम गौहर चिश्ती को अदालत ने न्यायिक अभिरक्षा में अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में भेजने का आदेश दिया है।

अजमेर के जिला पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट ने शुक्रवार सुबह मीडिया से बातचीत में कहा कि अजमेर जिला पुलिस को रिमाण्ड अवधि के दौरान पूछताछ में गौहर चिश्ती के अजमेर से बाहर, देश से बाहर तथा पीएफआई से किसी तरह के लिंक होने के सबूत नहीं मिले हैं। उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि पुलिस को गौहर चिश्ती के बैंक खातों से भी किसी तरह का संदिग्ध ट्रांजेक्शन होने की जानकारी नहीं मिली है। गौहर चिश्ती ने गत 17 जून को मुस्लिम समुदाय की रैली में जो भड़काऊ बयान दिए और नारेबाजी की वह उसने देश के माहौल से भावावेश में आकर की। पुलिस को गौहर चिश्ती के उदयपुर के टेलर कन्हैयालाल साहू हत्या प्रकरण में हाथ होने अथवा हत्या के आरोपित रियाज अत्तारी एवं गौस मोहम्मद से किसी तरह का सम्पर्क होने के प्रमाण नहीं मिले हैं।

उदयपुर काण्ड में हत्यारों द्वारा लगाए वही नारे जो उसने लगाए थे, उसके कारण वह घबरा कर अजमेर से फरार हो गया था। पुलिस ने पूछताछ के दौरान उससे वही सब जानकारी तस्दीक की कि उसकी किसने मदद की एवं वह किस तरह अजमेर से हैदराबाद तक फरार हुआ। इस मामले में पुलिस ने पूर्व में चार आरोपितों को भी पकड़ा था। इसके अलावा गौहर की मदद करने व फरारी में पनाह देने के आरोपितों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया, जिन्हें अदालत से जमानत मिल गई है। पुलिस से किसी अन्य खुफिया एजेंसी ने अभी तक कोई सम्पर्क नहीं किया है। पुलिस का अनुसंधान आरोपित के न्यायिक अभिरक्षा में रहते हुए भी जारी रहेगा।

उल्लेखनीय है कि हैदराबाद में एक सहयोगी के साथ गिरफ्तार हुआ खादिम गौहर चिश्ती पूर्व में भी 17 जनवरी, 2020 को एक गंभीर मामले में पुलिस ने पकड़ा था। दरअसल, इस मामले में वह ऑटो रिक्शा में बैठकर गुलाब बाड़ी स्थित सीआरपीएफ यानी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की छावनी परिसर का वीडियो बनाते हुए संदिग्ध अवस्था में पाया गया था। तब पुलिस ने उससे कोतवाली थाने पर पूछताछ की थी। मोबाइल जब्त कर चेतावनी देकर छोड़ दिया था। गौहर चिश्ती पर उदयपुर हत्याकाण्ड के आरोपितों द्वारा लगाए गए नारे पूर्व में उसके द्वारा भी लगाए जाने तथा अजमेर में मुस्लिम समुदाय के शांति मार्च के बाद गौहर चिश्ती के उदयपुर जाने की सूचना पर ही उसे प्राइम सस्पेक्ट माना जा रहा था। पुलिस ने गौहर चिश्ती को पीएफआई का अजमेर में सक्रिय सदस्य होने अथवा एसडीपीआई सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया से जुड़े होने का भी अभी कोई पुख्ता सबूत प्राप्त होने से इनकार किया है।

गौरतलब है कि पुलिस ने गौहर चिश्ती को हैदराबाद स्थित बेगम बाजार, गौस महल से गिरफ्तार किया था। उसके साथ उसे शरण देने वाले मोहम्मद अहसान-उल्ला को भी पकड़ा था। जिसे अदालत ने जमानत दे दी। पुलिस ने गौहर की गिरफ्तारी से पहले भड़काऊ भाषण देने व नारेबाजी करने में साथ देने पर खादिम मोहल्ला अजमेर निवासी फखर जमाली, फूलगली निवासी ताजीम सिद्दिकी पुत्र नईम, भट्टा बस्ती जयपुर निवासी मोइन पूत्र शमसुद्दीन और गुजरात मोरवी राजकोट निवासी रियाज हसन को गिरफ्तार किया था, जिन्हें अदालत ने जेल भेज दिया था।

आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल

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