सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली है। पुलिस अधीक्षक रोहन पी बोत्रे ने बताया कि शासन के निर्देश पर तीन दिन पहले जहूराबाद विधायक ओमप्रकाश राजभर को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है।
जहूराबाद विधायक एवं सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को शासन के निर्देश पर वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। इसको लेकर राजनीतिक गलियारे में अटकलों का बाजार गर्म हो चुका है। आमजनों में भी चर्चा है कि सरकार द्वारा राजभर का ख्याल करना कहीं न कहीं आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर नया संकेत है।
सुभासपा ने विधानसभा चुनाव में सपा से गठबंधन किया था। इस दौरान सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने प्रदेश एवं केंद्र सरकार के खिलाफ जहां जमकर हमला बोला था। वहीं चुनाव में जहूूराबाद सीट से भारी अंतरों से जीत दर्जकर विरोधियों को पटखनी दी थी और राजभर समाज के सफल नेतृत्वकर्ता के रूप में खुद को साबित किया था।
सपा के खिलाफ मुखर हैं ओमप्रकाश राजभर
आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा को मिली करारी हार के बाद से ही वह सपा के खिलाफ मुखर हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को नसीहत देने के साथ ही राष्ट्रपति चुनाव में भी विपक्ष के प्रत्याशी को समर्थन न देकर एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में खड़े रहे। इधर शासन के निर्देश पर गाजीपुर पुलिस ने उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है।
सपा से आजमगढ़ के मुस्लिम नाराज
सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर खुलकर सपा पर प्रहार करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि रामपुर और आजमगढ़ की सीट पर उप चुनाव हारने के पीछे मुस्लिम वोटों का समाजवादी पार्टी से कटना है। आजमगढ़ में गुड्डु जमाली को पार्टी में बुलाकर धोखा दिया गया। सपा में पहले भाई, उसके बाद जो भाजपा को हराई, तब सपाई की पूछ है। इस रवैये से आजमगढ़ के मुस्लिम नाराज हो गए।
राजभर ने आगे कहा कि मायावती ने गुड्डु जमाली को बुलाकर बसपा का टिकट दे दिया। इससे 60-70 हजार मुस्लिम वोट बसपा को मिल गए, जबकि हमने वोट के फासले को कम करने के लिए भरपूर मेहनत की। फोन पर बातचीत में उन्होंने कहा कि उप चुनाव के दौरान पार्टी के सेनापति एसी से नहीं निकले। इसका भी असर चुनाव पर पड़ा।
आशा खबर / शिखा यादव
राष्ट्रमंडल खेलों में में पहली बार बनारस के पांच खिलाड़ी अपना जलवा बिखेरेंगे। बनारस के खिलाड़ियों ने पदक की शुरुआत 2014 में ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स से की थी। इस बार पदक को लेकर बनारस के खिलाड़ियों से सबसे अधिक उम्मीदें हैं।
इंग्लैंड में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में पहली बार बनारस के पांच खिलाड़ी अपना दम दिखाएंगे। यह पहला मौका होगा जब दो महिला और तीन पुरुष खिलाड़ी टीम इंडिया का हिस्सा बनेंगे। इस बार पदक को लेकर भी बनारस के खिलाड़ियों से सबसे अधिक उम्मीदें हैं। खासकर वेटलिफ्टिंग, हॉकी, जूडो और एथलेटिक्स में। क्वालीफाइंग राउंड के मुकाबले शुक्रवार सुबह से शुरू हो रहे हैं। ऐसे में हर किसी की नजर टीम इंडिया के खिलाड़ियों पर रहेगी।
राष्ट्रमंडल खेलों में बनारस के खिलाड़ियों ने पदक की शुरुआत 2014 में ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स से की थी। अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टर स्वाति सिंह ने कांस्य जीतकर देश का मान बढ़ाया था। बनारस की पूनम यादव ने 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स की वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।
तीन साल बाद कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 220 किलोग्राम का भार उठाकर 76 किलो भार वर्ग में रजत पदक पर कब्जा जमाया। इसके साथ ही पूनम को विश्व वेटलिफ्टिंग में सातवां स्थान मिला था। इसके बाद उन्होंने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए अपनी राह आसान कर दी थी।
बरेका खेल संघ के सचिव बहादुर प्रसाद ने कहा कि एथलेटिक्स में रोहित यादव से बहुत उम्मीदें हैं। रोहित अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए मैदान में उतरेंगे। हम सभी की नजरें भारतीय टीम पर है। इस बार राष्ट्रमंडल में देश को ढेर सारे पदक मिलेंगे। बता दें कि कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 का आयोजन 28 जुलाई से 8 अगस्त तक इंग्लैंड के बर्मिंघम में किया जाना है.