नगर निकायों द्वारा सुझाव दिया गया कि वार्डों में अधिक आबादी का मानक होने से कई तरह की दिक्कतें हो रही हैं। ऐसे में नगर विकास विभाग ने वार्डों के गठन में आबादी के मानक को संशोधित कर दिया है।
पिछले चार-पांच वर्षों के दौरान नई नगर पंचायतों के गठन और कई नगर निगमों समेत अन्य निकायों के सीमा विस्तार को देखते हुए सरकार ने नगर निकायों में वार्डों के गठन के लिए आबादी के मानक में बदलाव कर दिया है। इसके मुताबिक अब छह से 7.50 लाख की आबादी वाले नगर निकायों में 70 वार्डों का गठन होगा। पहले यह मानक नौ लाख तक थी।
दरअसल इस साल के अंत में नगर निकायों के चुनाव होने हैं। इसलिए निकायों में वार्ड परिसीमन का काम चल रहा है। इस संबंध में शासन ने नगर निकायों से सुझाव व आपत्तियां मांगी थीं। तमाम नगर निकायों द्वारा सुझाव दिया गया कि वार्डों में अधिक आबादी का मानक होने से कई तरह की दिक्कतें हो रही हैं। ऐसे में नगर विकास विभाग ने वार्डों के गठन में आबादी के मानक को संशोधित कर दिया है। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि वार्डों के निर्धारण व परिसीमन में जिलाधिकारी ही आपत्तियों का निस्तारण करेंगे। वार्डों के परिसीमन की अनंतिम सूचना प्रकाशित होने के बाद आपत्तियां सात दिनों में ली जाएंगी।
वार्ड गठन आबादी के हिसाब से
आबादी वार्ड की संख्या
6 से 7.50 लाख 70
7.50 से 9 लाख 80
9 से 12 लाख 95
15 से 18 लाख 100
18 लाख से अधिक 110
आशा खबर / शिखा यादव