बदरी-केदार समिति के पूर्व अध्यक्ष कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल और मंदिर समिति के वर्तमान सदस्य आशुतोष डिमरी के बीच चल रहे वाद-विवाद का प्रकरण अब लीगल नोटिस तक पहुंच गया है।
पिछले दिनों मंदिर समिति के सदस्य आशुतोष डिमरी ने तत्कालीन बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल के कार्यकाल में गड़बड़ी की जांच को लेकर चमोली जिले के प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत को मांग पत्र सौंपा गया था। पत्र प्राप्ति के बाद मंत्री धन सिंह रावत ने मुख्य सचिव उत्तराखंड और सचिव धर्मस्व को पत्र लिखकर इस संबंध में जांच के निर्देश दिए थे।
इस निर्देश के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और बदरी-केदार समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने बीती 8 जुलाई को पत्रकार वार्ता कर मंदिर सदस्य आशुतोष डिमरी पर कई आरोप लगाए गए थे। अब इस आरोप पर आशुतोष डिमरी की ओर से गणेश गोदियाल को लीगल नोटिस भेजा गया है। उनके वकील के भेजे गए इस लीगल नोटिस में लिखा गया है कि आपके द्वारा मेरे मुवक्किल पर षड्यंत्र के तहत जो झूठे, मनगढ़ंत और निराधार आरोप लगाए हैं। इन मनगढ़ंत और निराधार आरोपों से मेरे मुवक्किल की मानहानि हुई है। इस पर सफाई दें अन्यथा कड़ी कार्रवाई कराई जाएगी।
इस नोटिस के माध्यम से पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल को कहा गया है कि आपके द्वारा निराधार आरोप लगाए गए हैं, इसलिए आप पुन: प्रेस कॉन्फ्रेंस आहूत कर सार्वजनिक तौर पर अपने शब्दों को वापस लें और माफी मांगें। यदि सार्वजनिक तौर पर आप अपने इस आपराधिक कृत्य के लिए माफी नहीं मांगते हैं तो मेरे मुवक्किल को विवश होकर आपके विरुद्ध न्यायालय में मानहानि करनी पड़ेगी।
नोटिस में लिखा गया है कि बदरी-केदारनाथ मंदिर समिति में अपने कार्यकाल के दौरान व्यापक स्तर पर हुई वित्तीय अनियमितता और अन्य गड़बड़ियों को लेकर जांच का शिकंजा कसते देखकर बौखलाहट में आकर गोदियाल ने मेरे मुवक्किल पर अपने कार्यकाल के दौरान लड्डू का काम लेने, फिल्म निर्देशन व 25 लाख के विज्ञापन के आरोप बिना तथ्यों व प्रमाणों के आधार पर लगाए हैं। वह पूरी तरीके से झूठे और निराधार हैं ।
समिति के सदस्य आशुतोष डिमरी कहते हैं यदि इन झूठे, तथ्यहीन व निराधार आरोपों का प्रमाण गोदियाल प्रस्तुत कर देते हैं तो मैं सार्वजनिक जीवन से तक से सन्यास ले लूंगा। झूठे आरोपों पर गोदियाल माफी मांगें नहीं तो उन पर मानहानि का मुकदमा करूंगा।
मंदिर समिति के सदस्य डिमरी कहते हैं मैं पूरी शिद्दत के साथ फिर से गोदियाल के कार्यकाल में बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के भीतर हुई बड़ी वित्तीय अनियमितता और गड़बड़ी की जांच की मांग को दोहराते हुए इस पूरे गड़बड़झाले में गोदियाल के साथ उनके चहेते अभियंता अनिल ध्यानी और इस करप्शन चैन में लिप्त अधिकारियों के विरुद्ध जांच की मांग कर रहा हूं। ताकि बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के भीतर बड़े पैमाने पर हुए इस भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो सके।
आशा खबर /शिखा यादव