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पैकेटबंद खाद्य पदार्थों पर टैक्स से गृहिणियों में नाराजगी

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पैकेटबंद खाद्य पदार्थों पर टैक्स से गृहणियों में नाराजगी 

महंगाई बढ़ने से बिगड़ेगा घर का बजट

महंगाई के बीच सरकार की पैकेटबंद खाद्य प्रदार्थों पर लगाये गए जीएसटी ने किचन का पूरा बजट बिगाड़ डाला है। अब यह महंगाई मजदूर एवं मध्यम परिवार की जीवनशैली पर बहुत बड़ा प्रभाव डाल रही है। ऐसे में अब गृहिणियों ने सरकार से इस निर्णय पर एक बार पुन: विचार करने की अपील की है।

अशियाना की रहने वाली आशा शुक्ला ने कहा कि आम आदमी पहले से ही महंगाई की मार झेल रहा है। ऐसे में सरकार के नए टैक्स ने आम लोगों की कमर तोड़ दी है। इसका सीधा असर घर के बजट पर पड़ा है। मजदूर और मध्यम परिवार के लोगों को ध्यान में रखते हुए सरकार को इस पर एक बार फिर से विचार करना होगा।

आशियाना के सेक्टर एच में रहने वाली पिंकी तिवारी बताती हैं कि वह गृहिणी हैं। उनके पति एक कंपनी में सेल्समैन की नौकरी करके किसी तरह से परिवार की जीविका चला रहे हैं। कुछ दिन पहले ही रसोई गैस सिलेंडर के दाम में इजाफा हुआ था। घी-तेल के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में पैकेटबंद खाद्य सामग्री में जीएसटी लगाये जाने का असर घर के बजट पर पड़ा है। आम आदमी को दो वक्त की रोटी जुटा पाना भी मुश्किल हो गया है।

गृहिणी वर्षा तिवारी और सपना शुक्ला का कहना है कि अभी उन्होंने एक अखबार में पढ़ा था कि केंद्र सरकार ने दूध, पनीर, और दही समेत खाने-पीने के पैक्ड सामग्री पर पांच प्रतिशत की जीएसटी लगाई है। इसकी वजह से इन खाद्य सामग्री के दामों में बढ़ोतरी होगी। अस्पताल के कमरों पर भी जीएसटी देनी होगी। सरकार को यह सोचना चाहिए था कि कोरोना महामारी की वजह से मध्यम परिवार अभी ऊबर नहीं पाया। कितनों की नौकरियां छूट गई। दैनिक मजदूरी करके अपना और बच्चों का पेट पाल रहे हैं। ऐसे में क्या पैक्ड खाद्य सामग्री पर जीएसटी लगाना उचित होगा? सरकार ने बिना सोचे समझे खाद्य सामग्री के दाम पर जीएसटी लगा दिया है। अब उन महिलाओं पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है, जिनके पति रोज कमाते हैं।

गृहिणी प्रतिभा और रुचि का कहना है कि सरकार ने महंगाई बढ़ाने का रिकार्ड बना लिया है। कभी रसोई गैस सिलेंडर के नाम पर तो कभी जीएसटी के नाम पर महंगाई बढ़ा देने से घर के किचन का बजट गड़बड़ा गया है। ऐसे में सरकार को हस्तक्षेप कर महंगाई को रोकना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने कई वस्तुओं की जीएसटी दरों में बदलाव किया है। जीएसटी काउंसिल के फैसले के अनुसार, अब आटा, चावल, सूजी, मैदा, पोहा, गुड़, दूध, पनीर और दही जैसे प्री-पैक्ट खाद्य सामग्री पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इसकी वजह से इन सामग्रियों के दाम बढ़ गए हैं।

आशा खबर / शिखा यादव 

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