मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ डॉ. एचएन दिवाकर की लिखित पुस्तक फ्रॉम पीएचसी टू सुपर स्पेशियलिटी ऑर्थोपेडिक हॉस्पिटल (ए जर्नी ऑफ एफर्टस, स्ट्रगल एंड ट्राइंफ) ‘ का विमोचन किया। इस पुस्तक में डॉ दिवाकर ने अपने अनुभव एवं राजवंशी नगर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) से लोकनायक जयप्रकाश नारायण सुपर स्पेशियलिटी ऑर्थोपेडिक एवं ट्रॉमा सेंटर के बनने की विकास यात्रा का उल्लेख किया है।
पुस्तक विमोचन के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुस्तक के लेखक डॉ एच एन दिवाकर को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर डॉ एचएन दिवाकर ने कहा कि इस पुस्तक के द्वारा यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि सरकारी अस्पताल में सभी वर्ग के लोगों का इलाज संभव है।
पटना मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल का बोझ कम करने के लिए वर्ष 2008 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में तीन सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने का निर्णय लिया। इनमें राजेन्द्र नगर आई (आंख) सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, गार्डिनर रोड में मधुमेह के इलाज के लिए एंडोक्राईनॉलॉजी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल एवं राजवंशी नगर में ऑर्थोपेडिक एवं न्यूरोलॉजी के लिए सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल शामिल था।
आगे चलकर राजवंशी नगर में स्थापित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का नामकरण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लोकनायक जयप्रकाश नारायण सुपर स्पेशियलिटी ऑर्थोपेडिक एवं ट्रॉमा सेंटर किया गया। इस सेंटर की स्थापना के वक्त डॉक्टर दिवाकर पटना से बाहर कार्यरत थे, जिन्हें पटना बुलाकर सेंटर की जिम्मेवारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि संपूर्ण क्रांति आंदोलन के दौरान एक बार लोकनायक जयप्रकाश नारायण को चोट लगी थी। उन्हें नजदीकी राजवंशी नगर में स्थित अस्पताल में लाया गया। उस वक्त यह अस्पताल एक कमरे में चलता था। उन्होंने सहयोगियों के समक्ष यह इच्छा व्यक्त की थी कि यहां पर एक ऑर्थोपेडिक एवं ट्रॉमा सेंटर बनना चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उस वक्त वहां उपस्थित थे। बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण सुपर स्पेशियलिटी ऑर्थोपेडिक एवं ट्रॉमा सेंटर स्थापित की गयी।
आशा खबर / शिखा यादव