– विधायकों से सिंहदेव के खिलाफ पहले से तैयार पत्र पर लिए गए दस्तखत
रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में रविवार रात कांग्रेस विधायक दल की बैठक में कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव के इस्तीफे का मामला नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने उठाया। डहरिया ने कहा कि यह सरकार को अपमानित करने वाली स्थिति है। सरकार अच्छा काम कर रही है। इसके बावजूद ऐसा लिखा जा रहा है, यह बेहद आपत्तिजनक है। साथ ही विधायकों से सिंहदेव के खिलाफ पहले से तैयार एक पत्र पर दस्तखत लिए गए।
संसदीय कार्य मंत्री और सरकार के प्रवक्ता रविंद्र चौबे ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि महाराज साहब (टीएस सिंहदेव) ने जिस तरीके से पत्र लिखा है, उस पर अधिकांश विधायकों ने प्रश्न चिन्ह खड़ा किया है। विभाग छोड़ने के जो कारण गिनाए हैं, उसकी वजह से अधिकांश विधायक आहत हैं।
चौबे ने कहा कि मंत्री टीएस सिंहदेव के शनिवार को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफे के संबंध में मीडिया को जारी पत्र को विधायक दल के सामने रखा गया। उनके द्वारा उठाए गए मामलों को गंभीरता से लेते हुए विधायक दल ने चर्चा की। इसके बाद पूरे मामले को पार्टी संगठन के माध्यम से प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया द्वारा हाईकमान को अवगत कराने का निर्णय लिया। हाईकमान मामले में जो निर्णय लेगा उसे माना जाएगा।
राजिम विधायक अमितेश शुक्ला ने कहा कि उनके बाप-दादा के जमाने में भी कभी ऐसा नहीं हुआ। भिलाई विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि यह सरासर अनुशासनहीनता का मामला है।
खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि हमारे आदिवासी विधायक बृहस्पति सिंह ने इनके लिए कुछ बोल दिया था तो सदन में माफी मांगनी पड़ी थी। मुख्यमंत्री खेमे के विधायक डॉ. विनय जायसवाल, विनोद चंद्राकर, चंद्रदेव राय, द्वारिकाधीश यादव, कुलदीप जुनेजा, शिशुपाल शोरी, रेखचंद जैन, कुंवर सिंह निषाद और आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने भी अनुशासनहीनता वाली ऐसी ही बातें कहीं।
इस घटनाक्रम पर कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा कि टीएस सिंहदेव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है और उनसे निवेदन किया है कि एक विभाग मुझसे ले लिया जाए, जिसका मुख्यमंत्री बघेल फैसला करेंगे।
इधर, कुछ विधायकों ने बताया है कि राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा और रात्रि भोज पर उन्हें बुलाया गया और अचानक सिंहदेव के इस्तीफे को लेकर सुनियोजित ढंग से उनके खिलाफ बातें कहलवाई गईं। विधायकों ने कहा कि सिंहदेव के खिलाफ पहले से तैयार एक पत्र पर दस्तखत करवा लिया गया।
उल्लेखनीय है कि टीएस सिंहदेव ने शनिवार शाम को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफे की घोषणा की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चार पेज के लिखे त्यागपत्र में उनके विभाग में लगातार दखल और उनके प्रस्तावों पर काम नहीं होने की गंभीर शिकायतें की और कामकाज के रवैये को लेकर नाखुशी व्यक्त की है। मुख्यमंत्री द्वारा त्यागपत्र ना मिलने की बात कहे जाने पर सिंहदेव ने उन्हें दोबारा पत्र प्रेषित किया है। सोमवार की सुबह से ही सिंहदेव के बंगले पर काफी भीड़ है और कई विधायकों ने उनसे संपर्क किया है।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल