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गुरुजी नहीं खेल सकेंगे छुट्टी का खेल: बेसिक के शिक्षकों को आकस्मिक अवकाश के लिए स्कूल खुलने से पहले ही करना होगा आवेदन

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प्रतीकात्मक तस्वीर

लीव मॉड्यूल में पहला प्रस्तावित बदलाव आकस्मिक अवकाश आवेदन से जुड़ा है। इसके तहत आवेदनकर्ता की लॉगिन से उसी तिथि का आकस्मिक अवकाश आवेदन जुलाई से सितंबर माह तक सुबह 8 बजे के बाद व अक्तूबर से 20 मई तक सुबह 9 बजे के बाद नहीं हो सकेगा।

परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षक, शिक्षा मित्र, अनुदेशक, कर्मचारी अब ऑनलाइन छुट्टी के आवेदन में मनमानी नहीं कर सकेंगे। यानी स्कूल खुलने के बाद उस दिन की आकस्मिक छुट्टी के लिए मानव संपदा पोर्टल पर आवेदन नहीं होगा।

अभी कुछ शिक्षक, कर्मचारी बिना अवकाश लिए गैरहाजिर हो जाते हैं या फिर देर से विद्यालय पहुंचते हैं। इस बीच यदि अधिकारी की चेकिंग हो जाती है, तो सूचना पाकर वह तुरंत पोर्टल पर छुट्टी भर देते हैं। इस पर रोक लगाने के लिए ही अब मानव संपदा पोर्टल के लीव मॉड्यूल में परिवर्तन कराया जा रहा है।

इसके लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने एनआईसी को पत्र भेजा है। साथ ही अवकाश, उपस्थिति से जुड़े कई अन्य सुधार के प्रावधान शुरू करने को कहा है।

सुबह स्कूल खुलने से पहले ही आवेदन
लीव मॉड्यूल में पहला प्रस्तावित बदलाव आकस्मिक अवकाश आवेदन से जुड़ा है। इसके तहत आवेदनकर्ता की लॉगिन से उसी तिथि का आकस्मिक अवकाश आवेदन जुलाई से सितंबर माह तक सुबह 8 बजे के बाद व अक्तूबर से 20 मई तक सुबह 9 बजे के बाद नहीं हो सकेगा। इसके साथ ही सुबह 5 से 9 बजे के बीच अवकाश स्वीकृति भी हो सकेगी।

अभी तक विद्यालय का प्रधानाध्यापक या खंड शिक्षा अधिकारी सुबह 9 बजे के अवकाश स्वीकृत कर पाते हैं। ऐसे में स्कूल खुलने से पहले किसी के आकस्मिक अवकाश प्रस्ताव को अगर निरस्त करना हो तो नहीं किया जा पाता और स्कूल खुलने के बाद अगर अवकाश निरस्त किया जाता है तो शिक्षक, शिक्षा मित्र, अनुदेशक या कर्मचारी सूचना मिलने के बाद देर से विद्यालय पहुंचता है।

पहले से छुट्टी लेने वालों की भी जानकारी 
पोर्टल पर ऐसी व्यवस्था करने को कहा गया है, जिससे अवकाश स्वीकृति पर निर्णय लेते समय अधिकारी को यह भी दिखाई दे कि उक्त विद्यालय में उस दिन कितने और कार्मिक पूर्व से अवकाश पर हैं। ऐसे में स्कूलों के स्टाफ की कमी नहीं होगी।

छुट्टी निरस्त का कारण भी लिखना होगा 
अब अवकाश निरस्तीकरण की स्थिति में उसका कारण लिखने की भी व्यवस्था होगी। साथ ही स्वीकृत व फारवर्ड प्रकरणों के संलग्नकों को भविष्य में देखने योग्य भी बनाया जा रहा है। इससे पता चल सकेगा कि अवकाश लेने वाले ने पूर्व में किस चिकित्सकीय प्रमाण पत्र या कारण को प्रदर्शित कर अवकाश लिया था।

आशा खबर / शिखा यादव 

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