सोमवार को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने क्रॉस वोटिंग रोकने के लिए जरूरी कदम उठाना शुरू कर दिया है। इसके लिए पार्टी ने सभी सांसदों और विधायकों को कोलकाता आने का निर्देश दिया है।
ऐसे में तृणमूल सांसद व नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी और भाई दिव्येंदु अधिकारी पर निगाहें टिक गई हैं। दोनों राष्ट्रपति चुनाव में वोट करने के लिए दिल्ली गए हैं। वे दिल्ली में ही वोटिंग करना चाहते हैं।
तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने राज्य में अपने सभी निर्वाचित विधायकों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि वे राष्ट्रपति चुनाव से एक दिन पहले ही 17 जुलाई की दोपहर तक कोलकाता पहुंच जाएं। इसी तरह के निर्देश संसद के दोनों सदनों के पार्टी सांसदों को भी भेजे गए हैं, जिन्हें बंगाल विधानसभा परिसर में ही वोटिंग में भाग लेना है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस के किसी विधायक या सांसद का एक भी वोट रद्द होना पार्टी के लिए शर्मिंदगी का सबब बन सकता है। उन्होंने कहा, विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए पद से इस्तीफा दिया। इसलिए, अंतिम परिणाम जो भी हो, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे खेमे के सभी वोट यशवंत सिन्हा के पक्ष में जाएं और एक भी वोट रद्द ना हो।
पता चला है कि तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी के नेतृत्व में चार सदस्यीय कोर टीम का भी गठन किया गया है जो वोटिंग से संबंधित पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेगी। कोर टीम के सदस्य पहले ही जिलों के विधायकों और सांसदों को वोटिंग प्रक्रिया से अवगत कराने के लिए पहुंचना शुरू कर चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही स्वीकार कर चुकी हैं कि राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत की संभावना ज्यादा है। इसके बावजूद उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के समर्थन को लेकर प्रतिबद्धता जताई है।
इस बीच भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया है कि तृणमूल कांग्रेस के कई आदिवासी विधायक द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट करेंगे।