अखिल विश्व गायत्री परिवार की प्रमुख शैलदीदी ने नारी सशक्तिकरण वर्ष-2022 के तहत चलने वाले कार्यक्रमों एवं रचनात्मक प्रशिक्षणों के संचालन, नेतृत्व के लिए उच्च प्रशिक्षित ब्रह्मवादिनी टोली को मंगल तिलक कर रवाना किया। इस अवसर पर शैलदीदी ने नारी जागरण के कार्यक्रमों से जुड़ी कार्य योजनाओं की जानकारी दी।
ब्रह्मवादिनी टोली के विदाई कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने नारी सशक्तिकरण वर्ष के अंतर्गत चलने वाले विविध आयोजनों की रूपरेखा को समझाया। उन्होंने कहा कि महिलाओं में आत्म गौरव का जागरण, उनका परिपूर्ण शिक्षण, उनके स्वास्थ्य संवर्धन हेतु सर्वांगपूर्ण उपचार प्रमुख आवश्यकताएं हैं। उन्होंने कहा कि संस्कारवान धर्मनिष्ठ महिलाएं श्रेष्ठ पुरोहित-लोकशिक्षक की भूमिकाएं भी निभा सकती हैं। शांतिकुंज की आधारशिला माता भगवती देवी शर्मा द्वारा इसी बीजारोपण द्वारा रखी गयी है। इसे पुष्पित-पल्लवित करने का प्रयास इन दिनों विशेष अभियान के तहत किया जा रहा है। इसके लिए देश भर की बहिनों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है जो विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि माता भगवती देवी के जन्मशताब्दी वर्ष 2026 को उत्साहपूर्वक मनाया जायेगा।
शैलदीदी ने कहा कि राष्ट्र का जागरण नारी जागरण से ही संभव है। एक नारी जब तप, साधना करती है, पढ़-लिखकर प्रशिक्षित होती है, तब उसका सत्परिणाम दो परिवार में परिलक्षित होता है। उन्होंने कहा कि शांतिकुंज के नारी जागरण अभियान की अपनी एक अलग विशेषता है।
शांतिकुंज स्थित कार्यक्रम विभाग के समन्वयक श्याम बिहारी दुबे ने बताया कि नारी सशक्तिकरण वर्ष 2022 के प्रथम चरण में नारी जागरण के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए पांच टोलियां रवाना हुई। प्रत्येक टोली में उच्च प्रशिक्षित महिलाओं के अलावा दो-दो पुरुष भी साथ में हैं। उन्होंने बताया कि मप्र, गुजरात, दिल्ली, बिहार, उत्तराखण्ड, उप्र, पं. बंगाल, हरियाणा, राजस्थान, ओडिशा आदि राज्यों में श्रृंखलाबद्ध तरीके से आयोजित पांच-पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को पूरा कर अक्टूबर में लौट आयेगी।
आशा खबर / शिखा यादव