सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय को गिरफ्तार करने के पटना हाई कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट ने अपने पास लंबित केस से परे जाकर यह आदेश दिया था।
13 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर ऐतराज जताते हुए कहा था कि अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए निवेशकों के पैसे वापस करने की योजना बताने का आदेश देने का कोई मतलब नहीं है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो ये नहीं कह रही है कि कोर्ट ऐसे आदेश जारी नहीं कर सकता है लेकिन अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 438 के तहत अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हए ये आदेश ठीक नहीं है। हाई कोर्ट को धारा 438 के क्षेत्राधिकार के तहत ही आदेश देना चाहिए।
13 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय की गिरफ्तारी के आदेश पर रोक लगा दी थी। एक निवेशक की याचिका पर पटना हाई कोर्ट ने सुब्रत राय की गिरफ्तारी का आदेश दिया था। 12 मई को हाई कोर्ट ने सुब्रत राय को आदेश दिया था कि वे 13 मई को किसी भी सूरत में कोर्ट में पेश हों, लेकिन 13 मई को सुब्रत राय हाई कोर्ट में पेश नहीं हुए। उसके बाद हाई कोर्ट ने गिरफ्तार करने का आदेश जारी कर दिया। गिरफ्तारी के आदेश के खिलाफ सुब्रत राय तुरंत सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, जिसके बाद सुब्रत की गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया गया।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल