दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना का कार्यकाल केवल दो सप्ताह का बचा हुआ है। आगामी 27 जुलाई को उन्हें मिला हुआ एक्सटेंशन खत्म होने जा रहा है। ऐसे में क्या उन्हें एक वर्ष का एक्सटेंशन देकर दोबारा पुलिस कमिश्नर के पद पर रखा जाएगा या दिल्ली पुलिस को कोई नया पुलिस कमिश्नर मिलेगा। इसे लेकर चर्चाएं काफी तेज हो गई हैं। यह माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में गृह मंत्रालय इसे लेकर बड़ा फैसला कर सकता है।
जानकारी के अनुसार पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना 31 जुलाई 2021 को बीएसएफ के महानिदेशक (डीजी) पद से सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन इससे महज कुछ दिन पहले ही उन्हें एक साल का एक्सटेंशन देकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर बना दिया गया था। उन्होंने 27 जुलाई 2021 को पुलिस कमिश्नर का पदभार संभाला था और उन्हें 27 जुलाई 2022 तक का एक्सटेंशन मिला हुआ है। ऐसे में उनका कार्यकाल महज दो सप्ताह बचा हुआ है।
दिल्ली पुलिस में इस बात पर चर्चाएं तेज हो गई हैं कि क्या पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना को सरकार एक साल का एक्सटेंशन देकर आगे कमिश्नर पद पर बनाये रखेगी। अगर उन्हें एक्सटेंशन नहीं मिलता है तो उनकी जगह कौन दिल्ली पुलिस कमिश्नर की कमान संभालेगा इस पर भी चर्चाएं हो रही हैं।
सूत्रों की माने तो पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना द्वारा बीते एक साल में किए गए कार्यों की महकमे में काफी सराहना हुई है। इसलिए यह माना जा रहा है कि उन्हें एक्सटेंशन मिलने की संभावना काफी ज्यादा है, लेकिन अगर उन्हें एक्सटेंशन नहीं मिलता है तो उनकी जगह दूसरा पुलिस कमिश्नर बनाया जा सकता है।
गृह मंत्रालय अगर यूटी कैडर से पुलिस कमिश्नर का चयन करता है तो ऐसे में तीन सबसे बड़े वरिष्ठ अधिकारी 1988 और 1989 बैच के हैं जो कमिश्नर बन सकते हैं। इनमें सबसे पहला नाम 27 दिन तक पुलिस कमिश्नर का पदभार संभालने वाले बालाजी श्रीवास्तव का है जो इनमें सबसे वरिष्ठ हैं। अभी वह बीपीआरएंडी के निदेशक हैं।
उनके बाद वर्ष 1988 बैच के ही आईपीएस एसबीके सिंह हैं जिन्हें हाल ही में डीजी होमगार्ड लगाया गया है। वहीं इनके बाद तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल का नाम सामने आता है जो वर्ष 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।
सूत्रों की माने तो पुलिस कमिश्नर बनाने के लिए उपराज्यपाल की तरफ से तीन वरिष्ठ अधिकारियों के नाम गृह मंत्रालय को भेजे जाते हैं। इन तीनों के द्वारा पूर्व में किए गए कार्य और उनकी छवि का आंकलन किया जाता है। इसके आधार पर गृह मंत्रालय यह तय करता है कि कि किसे पुलिस कमिश्नर बनाया जाना है। अगर किसी जूनियर को पुलिस कमिश्नर बनाया जाता है तो उनसे वरिष्ठ अधिकारियों को दूसरी जगह पोस्टिंग दे दी जाती है।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल