देश-दुनिया के इतिहास में 13 जुलाई की तारीख तमाम बदलावों और ऐतिहासिक घटनाओं के रूप में दर्ज है। यह तारीख भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के लिए भी यादगार है। 1929 में 13 जुलाई को क्रांतिकारी जतिंद्रनाथ दास आमरण अनशन पर बैठे थे। करीब तीन माह बाद उन्होंने अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया। जतिंद्रनाथ दास अपने प्राणों की आहुति देते हुए भावी क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणास्रोत बने। मात्र 24 वर्ष की आयु में ही जतिंद्रनाथ दास ने अंग्रेजों के क्रूरता के विरुद्ध राजनीतिक बंदियों के अधिकारों के लिए अनशन करते हुए 13 सितंबर, 1929 को अपने प्राणों की आहुति दे दी।
शहीद जतिन्द्रनाथ दास का जन्म 27 अक्टूबर, 1904 को बंगाल में हुआ था। 1920 में जब जतिंद्रनाथ ने हाईस्कूल की परीक्षा पास की, उसी समय महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन शुरू हुआ। देश के दूसरे युवाओं की तरह ही जतिंद्र नाथ ने भी असहयोग आंदोलन में भाग लिया एवं विदेशी कपड़ों के बहिष्कार कार्यक्रम में सहभागिता के दौरान इन्हें गिरफ्तार करके 6 माह के लिए जेल में डाल दिया गया। गांधीजी के असहयोग आंदोलन की वापसी से यह निराश हो गए थे लेकिन आगे चल कर उनकी मुलाकात शचीन्द्रनाथ सान्याल से हुई जिसके उपरांत वह क्रान्तिकारी संस्था ‘हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ में शामिल हो गए। जतिंद्रनाथ दास ने बम बनाने की कला सीखी एवं जल्द ही वह क्रांतिकारियों के बीच काफी लोकप्रिय हो गए।
जतिन्द्रनाथ को पुनः ‘दक्षिणेश्वर बम कांड’ और ‘काकोरी कांड’ में संलिप्ता के कारण गिरफ्तार किया गया लेकिन इनके खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिलने के कारण इन्हें कुछ समय के लिए नजरबंद कर दिया गया। जेल में ब्रिटिश द्वारा कैदियों पर किए जा रहे दुर्व्यवहार पर जतिन नाथ दास ने राजनीतिक कैदियों के अधिकारों की बहाली के लिए भूख हड़ताल पर चले गए। लगातार 21 दिन की भूख हड़ताल के उपरांत उनकी खराब सेहत के कारण ब्रिटिश के द्वारा रिहा कर दिया गया। आगे चलकर जतिंद्रनाथ दास कांग्रेस सेवा दल से भी जुड़े जहां पर ये सुभाष चंद्र बोस भगत सिंह के काफी करीब आ गए। जतिंद्रनाथ दास ने पूरे देश में भ्रमण करते हुए बम बनाने की कला को सारे क्रांतिकारियों के बीच फैला दिया। भगत सिंह ने केंद्रीय असेंबली में जो बम को फेंका था उसे जतिंद्रनाथ दास ने ही बनाया था।
1929 में लाहौर षडयंत्र केस में शामिल होने का आरोप लगाते हुए जतिंद्रनाथ दास को लाहौर जेल में रखा गया। यहां पर जतिंद्रनाथ ने पुनः राजनीतिक बंदियों के अधिकारों एवं ब्रिटिश कैदियों को दी जा रही सुविधाओं के बराबर भारतीय कैदियों को भी सुविधा प्रदान करने के लिए आमरण अनशन शुरू कर दिया। उनके साथ सैकड़ों कैदी भी इस आंदोलन में जुड़ गए। अंग्रेजों ने जतिंद्रनाथ को अनशन समाप्त करने के लिए प्रताड़ना दी। आखिरकार 13 सितंबर, 1929 को अपने आमरण अनशन के 63 वें दिन जतिंद्रनाथ देश के लिए कुर्बान हो गए लेकिन उन्होंने अपना प्रण नहीं तोड़ा।
घटनाचक्र
1534ः ऑटोमन सेना का उत्तर पश्चिमी फारस के ताबरिज पर कब्जा।
1645ः अलेक्सेई रोमानोव अपने पिता माइकल की जगह रूस के शासक बने।
1771ः ब्रिटेन के विख्यात नाविक जेम्ज कुक की पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध की ऐतिहासिक खोज यात्रा समाप्त।
1830ः राजा राम मोहन राय और अलेक्जेंडर डफ ने पांच छात्रों के साथ स्कॉटिश चर्च कॉलेज शुरू किया।
1878ः बर्लिन संधि: यूरोपीय शक्तियों ने बाल्कन के मानचित्र को फिर खींचा। सर्बिया, मोंटेनेग्रो और रोमानिया तुर्क साम्राज्य से पूरी तरह से स्वतंत्र।
1882ः रूस में ट्रेन हादसा। 200 लोगों की मौत।
1897ः मारकोनी ने बेतार संदेश के लिए अमेरिकी पेटेंट हासिल किया।
1905ः बांग्ला साप्ताहिक संजीवनी ने पहली बार ब्रिटिश सामान की होली जलाने का सुझाव दिया ।
1918ः टोकायाम की खाड़ी में जापानी युद्धपोत में विस्फोट । 500 लोगों की मौत।
1923ः लॉस एंजिलिस में माउंट हिल्स के पास जमीन की कीमत को बढ़ाने के लिए प्रचार के मकसद से ‘हॉलीवुड’ लिखा गया।
1929ः क्रांतिकारी जतिंद्रनाथ दास ने आमरण अनशन शुरू किया।
1945ः मैक्सिको मरुस्थल में पहला परमाणु बम परिक्षण के लिए लाया गया।
1954ः अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जेनेवा में वियतनाम के बंटवारे पर सहमत।
1962ः ब्रिटिश प्रधानमंत्री हैरोल्ड मैकमिलन ने मंत्रिमंडल के सात सदस्यों को हटाया।
1974ः हेडिंग्ले में भारत ने अपना पहला वनडे मैच इंग्लैंड के खिलाफ खेला।
1977ः सोमालिया-ओगाडन युद्ध। इथियोपिया पर युद्ध की घोषणा।
1977ः इमरजेंसी के दौरान भारत रत्न, पद्म विभूषण आदि सम्मान वापस लिए गए।
1977ः न्यूयॉर्क शहर में 24 घंटों विद्युत ब्लैकआउट।
1985ः उप राष्ट्रपति जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश एक दिन के लिए कार्यकारी राष्ट्रपति बने।
1998ः भारत के लिएंडर पेस ने हॉल ऑफ फेम टेनिस चैंपियनशिप में अपने जीवन का प्रथम एटीपी खिताब जीता।
1998ः ब्राजील ने सीटीबीटी एवं एनपीटी पर हस्ताक्षर किए।
2000ः अमेरिका और वियतनाम के बड़े व्यापार अनुबंध पर हस्ताक्षर।
2011ः देश की आर्थिक राजधानी मुंबई तिहरे बम धमाकों से दहली।
2016ः यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री डेविड कैमरून का इस्तीफा।
जन्म
1932ःअभिनेत्री बीना राय।
1941ः आठवीं लोकसभा की सदस्य टी. कल्पना देवी।
1941ः हिन्दी और अंग्रेजी की आधुनिक कहानीकार और उपन्यासकार सुनीता जैन।
निधन
1995ःउपन्यासकार आशापूर्णा देवी।
2010ः संयुक्त राज्य अमेरिका के उद्योगपति जॉर्ज स्टीनब्रेनर
2013ः लेखक शर्मिला रेगे।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल