दो जुलाई के बाद से कानपुर परिक्षेत्र में मानसून पूरी तरह से गायब हो गया और बारिश नहीं हो सकी। इस पर मौसम विभाग का कहना है कि कानुपर में शुष्क मौसम इसलिए बना हुआ है कि मानसून की ट्रफ रेखा मध्य भारत पर जाकर टिक गई है। इसके साथ ही ओडिशा पर एक कम दबाव क्षेत्र बनने के बाद यह गुजरात की तरफ बढ़ गई है। तीन दिन बाद संभावना है कि ट्रफ रेखा में बदलाव होगा और कानपुर में तेज बारिश हो सकती है।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम कृषि वैज्ञानिक डॉ एस एन सुनील पाण्डेय ने सोमवार को बताया कि कम दबाव के क्षेत्र ने ट्रफ रेखा को मध्य भारत की ओर खींच लिया था, जिससे वहां भारी बारिश दर्ज हुई। हालांकि यह उम्मीद की जा रही थी कि कम दबाव का क्षेत्र खत्म होने के बाद मानसून की ट्रफ का पश्चिमी छोर फिर से उत्तर की ओर बढ़ जाएगी। लेकिन, पिछले 24 घंटों में दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और दक्षिण पाकिस्तान के आसपास के हिस्सों में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने से मानसून की ट्रफ दिल्ली और आसपास के इलाकों के पास नहीं आई। यह अभी भी दिल्ली के दक्षिण में अटकी हुई है और बीकानेर व कोटा से होकर गुजर रही है। हवाओं के दिशाओं के कारण हरियाणा और पंजाब में बारिश दर्ज की गई है। इसके लिए ऊपरी स्तर पर पश्चिमी हवाएं और निचले स्तर में पूर्वी हवाएं जिम्मेदार रही हैं।
आशा खबर / शिखा यादव