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दुग्ध विकास विभाग के प्लांटों की योजनाओं की कार्य गति बढ़ी

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गोरखपुर प्लांट

उप्र के दुग्ध विकास विभाग की आगामी योजनाओं में गोरखपुर, मेरठ व कानपुर में नवीन ग्रीन फील्ड डेयरी प्लांट और वाराणसी में पाउडर प्लांट की योजनाओं के कार्य में गति बढ़ी है। वाराणसी में बीस मिट्री टन प्रतिदिन क्षमता के पाउडर प्लांट का निर्माण कार्य पूर्ण कराने के लिए 22 करोड़ 84 लाख रूपये प्राविधानित है। जहां 2023 तक प्लांट के कार्य के पूर्ण हो जाने की सम्भावना है।

वाराणसी में 2023 तक की समय सीमा तय की गयी है तो मेरठ में निर्माणाधीन नवीन ग्रीन फील्ड डेयरी प्लांट के अवशेष कार्यो को पूर्ण करने के लिए 56 करोड़ 98 लाख रूपये की धनराशि का प्राविधान किया गया है। मेरठ में भी वर्ष 2023 तक प्लांट का कार्य पूरा होने की सम्भावना है। जिससे मेरठ जिले में वृहद लाभ पहुंचेगा।

औद्योगिक नगरी कानपुर में नवीन ग्रीन फील्ड डेयरी प्लांट की स्थापना की गयी है, जिसकी कार्यदायी संस्था आईडीएमसी है। यहां दूध, पनीर, बटर, घी पर तेजी से कार्य हो रहा है। यहां की क्षमता चार लाख लीटर प्रतिदिन बीस मीटर टन प्रतिदिन क्षमता है। इसे राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड को संचालन के लिए हस्तांतरण करने का प्रस्ताव भी है।

उत्तर प्रदेश के विकास की दौड़ में गोरखपुर जिला भी अछूता नहीं है। यहां नवीन ग्रीन फील्ड डेयरी प्लांट की स्थापना की गयी है। यहां एक लाख लीटर प्रतिदिन दूध खपाने की क्षमता है। प्लांट की लागत 61 करोड़ 795 लाख रूपये है। यहां तरल दुग्ध, घी और बटर का निर्माण कार्य हो रहा है, जिसे गोरखपुर के आसपास सहित दूर दराज के स्थानों पर भी उपयोग को भेजा जा रहा हैं। इस प्लांट को भी राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड को हस्तांतरण करने का प्रस्ताव है।

आशा खबर / शिखा  यादव

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