अमरनाथ गुफा के नजदीक शुक्रवार शाम अचानक बादल फटने की वजह से आई बाढ़ में 14 लोगों की मौत हो गई। करीब 40 तीर्थयात्री लापता हैं और दर्जनों लोग घायल हैं। इस प्राकृतिक आपदा के बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) एवं भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) की टीम राहत और बचाव कार्य में जुट कर घायलों का रेस्क्यू करने में लगी हुई हैं।
दिल्ली मुख्यालय से बीएसएफ प्रवक्ता के अनुसार कल शाम 18:20 मिनट पर अमरनाथ में बादल फटने से अचानक वहां सैलाब आ गया, जिससे रास्ते में लगे टेंट में रह रहे कई यात्री घायल हो गए। इनमें से कुछ मलबे के नीचे भी दब गए, जिन्हें रेस्क्यू करने के लिए बीएसएफ की टीम को लगाया गया है। जम्मू-कश्मीर के डॉक्टरों के साथ वहां मौजूद बीएसएफ के डॉक्टरों ने मरीजों को प्राथमिक उपचार और सीपीआर दिया। गंभीर रूप से घायल नौ मरीजों को इलाज के बाद उन्हें कम ऊंचाई वाले नेलग्राथ बेस कैंप में रेस्क्यू किया गया।
इसके लिए एमआई-17 चॉपर को लगाया गया है, जो घायलों और शवों को नीलगढ़ के बालटाल स्थित हैलीपैड से श्रीनगर स्थित बीएसएफ कैम्प तक ले जा रही है, जहां घायलों का आगे इलाज हो सके और शवों को उनके घरों को भेजा जा सके। बीएसएफ पंजतरणी शिविरों द्वारा लगभग 150 यात्रियों को ठहराया गया है। बीएसएफ के सभी प्रतिनिधि बचाव के लिए लगातार काम कर रहे हैं और उच्च मुख्यालय को सूचना साझा कर रहे हैं।
आशा खबर/रेशमा सिंह पटेल