उत्तराखंड के मौसम पर पूरे देश की निगाहें रहती हैं। इसका कारण चार धाम के दर्शन हैं। कुमाऊं के बागेश्वर में चमोली से जोड़ने वाली शम्भू नदी पर बनी झील का खतरा अब कम होने लगा है। यह जानकारी सोमवार को सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत सिन्हा ने दी।
सचिव आपदा प्रबंधन सिन्हा ने बताया कि उत्तराखंड सरकार राज्य के मौसम पर नजर रखती है। यही कारण है कि शम्भू नदी में बनी झील पर नदी से मलबा हटाने का काम शुरू हो गया है। वहां पर प्रशासन की तरफ से पोकलेन मशीन लगा दी गई है जो नदी की सफाई कर रही है। इससे पानी की निकासी का काम भी शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि बागेश्वर के अंतिम गांव कुंवारी की तलहटी पर शंभू नदी में मलबा आने से झील बन रही थी जिसके कारण चमोली जनपद के थराली क्षेत्र के लिए खतरा उत्पन्न हो गया था। झील में 6500 क्यूसेक से अधिक पानी जमा हो गया था जो इस मानसून सीजन में एक बार फिर बड़ा खतरा बन सकता था।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा आपदा मद में बजट की मांग की गई है जिसको त्वरित गति से विभाग के द्वारा स्वीकृत कर दिया गया है। जिला अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि आपदा एवं राहत बचाव कार्यों में किसी भी प्रकार से कोई ढिलाई न बरती जाए।
आशा खबर / शिखा यादव