जिले के रंगरा प्रखंड के जहांगीरपुर वैसी गांव में कोसी के रौद्र रूप के आगे सभी नतमस्तक हो चुके हैं। यहां लगातार कई घर कोसी नदी की धार में विलीन होते जा रहे है। दूसरी और कई घर कटाव के जद में हैं। इस त्रासदी ने सरकार के और विभाग के वरीय पदाधिकारियों की सारी दावों की पोल खोल कर रख दी है।
कोसी नदी की चंचल धारा ने अभी चार घरों को अपने आगोश में ले लिया हैं। घर के लोग लाचार और विवश होकर अपने घर को कोसी में विलीन होते देख रहा है। मो. मोजिम, मो संजीम, मो सकील, सिद्दक का घर जल समाधि ले चुका है। जबकि अहसास, नसीम, मुन्ना का घर कोसी के कटाव के मुहाने पर है।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि ब्लड फाइटिंग का काम दो दिनों से काम बंद था। लेकिन एक बार फिर बचाव कार्य शुरू किया गया है। यहां करीब पांच मीटर क्षेत्र कटाव से प्रभावित है। उल्लेखनीय हो कि सरकार द्वारा लगातार प्रत्येक साल लाखों-करोड़ों करोड़ों रुपया आपदा के नाम पर तो खर्च की जाती है। लेकिन सरकार के नुमाइंदे काम को सही ढंग से अंजाम नहीं दे पाते हैं। जिससे कार्य की गुणवत्ता प्रभावित होते रहती है। जिस कारण ग्रामीणों का घर कोसी और गंगा में विलीन होते रहते हैं।
आशा खबर / शिखा यादव