महाराष्ट्र में आज एकनाथ शिंदे ने फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित कर दिया। इसी के साथ ये भी तय हो गया कि अब एकनाथ शिंदे की सरकार बरकरार रहेगी। फ्लोर टेस्ट में शिंदे के पक्ष में 164 मत पड़े। विपक्ष में 99 विधायकों ने वोट डाला। एनसीपी और कांग्रेस के कुछ विधायक वोटिंग में शामिल नहीं हुए।
ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या शिवसेना के बाद अब एनसीपी और कांग्रेस में भी फूट पड़ने वाली है? उद्धव ठाकरे के साथ अब कितने विधायक बचे हैं? अब आगे क्या होगा? जानिए सबकुछ…
पहले जानिए आज फ्लोर टेस्ट में क्या-क्या हुआ?
एकनाथ शिंदे को बहुमत साबित करने के लिए विधायकों के 144 मत चाहिए थे। पहले फ्लोर टेस्ट ध्वनि मत के जरिए होना था, लेकिन विपक्ष के हंगामे के चलते नहीं हो पाया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने हेड काउंट के जरिए मतदान कराया। इसमें विधानसभा के एक-एक सदस्य से पूछा गया कि वह किसके साथ हैं? इस वोटिंग में एकनाथ शिंदे के पक्ष में 164 विधायकों ने वोट डाला। विपक्ष में केवल 99 वोट ही पड़े।
वोटिंग के ठीक पहले हुआ बड़ा गेम
फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले बड़ा गेम हुआ। शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस गठबंधन महाविकास अघाड़ी में शामिल बहुजन विकास अघाड़ी ने आखिरी वक्त बगावत कर दी। बहुजन विकास अघाड़ी के तीन विधायकों ने शिंदे के पक्ष में वोट डाला। इसके अलावा कांग्रेस विधायक अशोक च्वहाड़, विजय वडेट्टीवार, प्रणीती शिंदे, जिशन सिद्दीकी, धीरज विलासराव देशमुख, एनसीपी के अन्ना बंसोडे और संग्राम जगताप वोटिंग में नहीं पहुंचे। समाजवादी पार्टी के दो और एआईएमआईएम के एक विधायक ने भी वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
शिवसेना में भी आखिरी समय खेल कर गए विधायक
ऐसा नहीं है कि केवल एनसीपी, कांग्रेस में ही वोटिंग के दौरान खेल हुआ। शिवसेना के विधायक भी आखिरी समय पलट गए। उद्धव ठाकरे गुट के संतोष बांगड और श्याम सुंदर शिंदे ने एकनाथ शिंदे के पक्ष में वोट डाला। वहीं, शिंदे के साथ गोवा जाने वाले राहुल पाटिल और कैलाश पाटिल आखिरी समय में वापस उद्धव ठाकरे गुट में शामिल हो गए। दोनों ने शिंदे के खिलाफ वोट डाला।
आशा खबर / शिखा यादव