झुंझुनू जिले में 12 साल बाद हो रहे सहकारिता चुनावों के लिए विभाग ने वार्डों का निर्धारण कर दिया है। इसमें हर ग्राम सहकारी समिति को 12 वार्ड में बांटा गया है। जिसमें 11 वार्ड ऋणी और 01 वार्ड में गैर ऋणी सदस्यों का चुनाव होगा। इन वार्डों में दो वार्ड महिला तथा एक-एक वार्ड एससी व एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है। आठ वार्ड सामान्य रहेंगे।
वार्ड तय होने के बाद इसके संचालक मंडल के सदस्यों का निर्वाचन होगा और उसके बाद सदस्य अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। इससे पहले 2010-11 में सहकारिता विभाग ने समितियों के चुनाव कराए थे और उसके बाद अब पहली बार चुनाव हो रहे हैं। सहकारी समिति के चुनाव दो स्तर में होंगे। पहले समिति सदस्य संचालक मंडल का चुनाव करेंगे। संचालक मंडल निर्वाचित होने के बाद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संचालक आदि का चुनाव करेगा। संचालक मंडल में से ही यह पदाधिकारी चुने जाएंगे।
सहकारी समितियों के चुनावों को लेकर राजस्थान राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण जयपुर ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। राज्य सहकारी निर्वाचन अधिकारी संजय माथुर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि पांच चरणों में ग्राम सेवा सहकारी समितियों के निर्वाचन कराए जाने के लिए तैयारी की गई है। इस बार सहकारिता विभाग नए नियमों से चुनाव कराएगा। खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, प्रत्येक इकाई के उप रजिस्ट्रार, संबंधित प्रबंध निदेशक, केंद्रीय सहकारी बैंक सहित उनके एक-एक मास्टर ट्रेनर को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। जो निर्वाचन कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर सकेंगे।
सहकारी समितियां झुंझुनू के डिप्टी रजिस्ट्रार संदीप शर्मा ने बताया कि जिले में 241 सहकारी समितियां पंजीकृत हैं। जिनमें 236 समितियों का गठन हो चुका है। पांच समितियों का गठन अभी होना है। इनमें से सहकारिता विभाग ने 232 सहकारी समितियों के लिए वार्डों का आरक्षण तय कर दिया है। चार समितियों के लिए प्रक्रिया चल रही है। जो दो-तीन दिन में पूरी हो जाएगी।
जिले की 236 सहकारी समितियों में से प्रत्येक में 12 सदस्यों का संचालक मंडल निर्वाचित होगा। इस आधार पर जिले में 2832 संचालक सदस्यों का निर्वाचन किया जाएगा। निर्वाचित सदस्य में से अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। डिप्टी रजिस्ट्रार ने बताया कि जिले में 236 में से 232 सहकारी समितियों के लिए वार्ड तय कर दिए गए हैं। 236 में चुनाव कराए जाएंगे। निर्वाचन कार्यक्रम को लेकर एक प्रशिक्षण भी दे चुके हैं। चार सहकारी समितियों में प्रक्रिया चल रही है।