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शहीद नेब्बूलाल के परिजन।

एसआई नेबूलाल हंडिया क्षेत्र के भीटी नउआन बस्ती के रहने वाले थे। परिवार में पत्नी श्यामा देवी के अलावा दो बेटे अरविंद और हिमांशु हैं। छोटा हिमांशु इंटर जबकि बड़ा अरविंद बीए का छात्र है। अरविंद बताता है ‘पिता की शहादत के बाद सरकार की ओर से घोषित आर्थिक मदद की घोषणाएं वादे के मुताबिक पूरी हुईं।

दो जुलाई, यही वह दिन था जब बिकरू में कुख्यात विकास दुबे गैंग से लोहा लेते हुए उप्र पुलिस के आठ जांबाज शहीद हो गए थे। हंडिया के रहने वाले एसआई नेबूलाल बिंद भी इन्हीं में शामिल थे, जिन्होंने अपराधियों से लड़ते हुए अपनी जान की बाजी लगा दी। उनके न रहने पर परिवार को किसी पर निर्भर न होना पड़े, इसके लिए सरकार की ओर से पूरी मदद की गई। सहायता राशि के साथ ही पत्नी को पेंशन भी मिलने लगी। लेकिन वह सम्मान नहीं मिला, जिसके वह हकदार थे। शहीद दरोगा के नाम पर प्रस्तावित प्रवेश द्वार, स्मारक स्थल व खेल मैदान का निर्माण दो साल बाद भी शुरू नहीं हो सका है।

एसआई नेबूलाल हंडिया क्षेत्र के भीटी नउआन बस्ती के रहने वाले थे। परिवार में पत्नी श्यामा देवी के अलावा दो बेटे अरविंद और हिमांशु हैं। छोटा हिमांशु इंटर जबकि बड़ा अरविंद बीए का छात्र है। अरविंद बताता है ‘पिता की शहादत के बाद सरकार की ओर से घोषित आर्थिक मदद की घोषणाएं वादे के मुताबिक पूरी हुईं।

आर्थिक सहायता राशि मिली और असाधारण पेंशन सुविधा भी जारी कर दी गई। नौकरी की संस्तुति भी कर दी गई। लेकिन फिलहाल शैक्षिक योग्यता की कमी के चलते अभी नियुक्ति नहीं हो सकी है। उसका कहना है कि परिवार को सहायता तो मिली लेकिन उस सम्मान की अभी भी दरकार है जिसकी घोषणा पिता के शहीद होने के बाद की गई थी। 

निर्माण ही नहीं शुरू हुआ
परिवारवालों ने बताया कि पिता के नाम पर गांव में प्रवेश द्वार, स्मारक स्थल व खेल मैदान बनाने की घोषणा की गई थी। स्मारक स्थल व खेल मैदान के लिए सीमांकन करके भूमि को चिह्नित भी कर दिया गया। लेकिन निर्माण कार्य अब तक नहीं शुरू हुआ। इसी तरह प्रयागराज-हंडिया हाईवे से नउआन बस्ती होते हुए कंतापुर मार्ग तक जाने वाले रास्ते पर प्रवेश द्वार का निर्माण भी अब तक नहीं हो सका। हालांकि भीटी कांगापुर मार्ग पर पूर्व विधान परिषद सदस्य की ओर से विधायक निधि से स्मृति द्वार का निर्माण करा दिया गया है।

घोषणाएं जब हुई थी, तब मैं यहां तैनात नहीं था। ऐसे में मुझे जानकारी नहीं है। अब बताया गया है तो इस बारे में पता लगाया जाएगा। जो भी औपचारिकताएं शेष होंगी, उन्हें पूरा करने के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।

आशा खबर /शिखा यादव

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