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युवाओं के बीच मिल्खा सिंह के नाम से प्रसिद्ध हैं रविन्द्र नेगी

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दौड़ लगाकर अपने अस्पताल पहुंचते हुए।

राजकीय पशु चिकित्सालय कर्णप्रयाग में वेटनरी फार्मासिस्ट के पद पर कार्यरत रविन्द्र नेगी विगत छह महीनों से हर रोज गौचर से कर्णप्रयाग 11 किलोमीटर किमी की दूरी कुल मिलाकर 22 किलोमीटर (आना-जाना) की पैदल दौड़ लगाकर पहुंचते हैं पशु चिकित्सालय कर्णप्रयाग। धूप हो या बारिश इन छह महीनों में रविन्द्र नेगी के कदम कभी भी रुके नहीं। आज वे युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं।

हर रोज 40 वर्षीय वेटनरी फार्मासिस्ट रविंद्र सुबह छह से सात बजे के बीच जनपद चमोली के गौचर से कर्णप्रयाग के मध्य पीठ पर बैग लेकर दौड़ लगाते हुए मिल जायेंगे। इस दौरान हर कोई रविन्द्र नेगी के जज्बे और हौसलों को सैल्यूट करता हुआ नजर आता है और हाथ हिलाकर उन्हें अभिवादन करता है। गौचर और कर्णप्रयाग के कई युवाओं नें उनसे प्रभावित होकर ही उत्तराखंड पुलिस की भर्ती के लिए दौड़ की तैयारी की।

रविन्द्र नेगी बताते हैं कि उनका पैदल दौड़ लगाने के पीछे उद्देश्य है कि वे शारीरिक रूप से फिट और एकदम स्वस्थ रहें। इसके अलावा वे स्वच्छता के प्रबल हितैषी हैं और इस पैदल दौड़ के जरिए वे लोगों को वाहन का कम प्रयोग करने और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना चाहते हैं ताकि लोग पर्यावरण को लेकर संजीदा हों। उन्होंने खासतौर पर युवाओं से अपील की है कि वे हर रोज पांच किलोमीटर की दौड़ अपने लिए लगाएं ताकि वे सदैव स्वस्थ और फिट रहें। उनका मानना है कि दौड़ने से एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जो पूरे दिन आपको तरोताजा रखता है। साथ ही शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत रखता है। वे कहते हैं कि दौड़ना अपने आप में योग है।

मूल रूप से जनपद चमोली के नारायणबगड़ ब्लाॅक के सणकोट गांव निवासी वेटनरी फार्मासिस्ट रविन्द्र नेगी वर्तमान में गौचर में निवासरत हैं। इनकी पढ़ाई लिखायी गौचर से ही पूरी हुई। वर्ष 2000 में इन्होंने गौचर पाॅलीटेक्निक से फार्मेसी में डिप्लोमा प्राप्त की। जिसके पश्चात इन्होंने गौचर और बदरीनाथ में लोगों को मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई।

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