मुम्बई के तुलिन्ज पुलिस स्टेशन मीरा भाइंदर वसई विरार पुलिस कमिश्नरेट क्षेत्र में दो आपराधिक पृष्ठभूमि के व्यक्तियों पर जानलेवा हमला करने के आरोपी दो शूटर गुरुवार को एसटीएफ की वाराणसी इकाई के हत्थे चढ़ गये। दोनों बदमाश वारदात के बाद वाराणसी और उसके आसपास छुप कर रह रहे थे।
एसटीएफ के स्थानीय अफसरों के अनुसार 14 फरवरी 2022 को रात लगभग 09 बजे थाना तुलिन्ज क्षेत्रान्तर्गत मोरेगांव में नाला सुपारा निवासी बलराम गुप्ता पुत्र दीपचन्द गुप्ता, ईस्ट मोरेगॉंव मुम्बई निवासी राजकुमार गुप्ता पुत्र लालचन्द को जान से मारने की नीयत से गोली चलाने के बाद दोनों पर धारदार हथियार से हमला भी किया गया था, जिसमें बलराम और राजकुमार गुप्ता गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस मामले में क्षेत्रीय पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर हमलावरों की तलाश शुरू कर दी। दोनों का लोकेशन वाराणसी में मिलने पर मीरा भाइंदर वसई विरार क्राइम ब्रान्च यूनिट-3 ने एसटीएफ वाराणसी से सम्पर्क साधा और मामले की जानकारी देने के साथ आरोपितों की गिरफ्तारी में सहयोग मांगा और टीम वाराणसी पहुंच गई। एसटीएफ टीम और मुम्बई पुलिस टीम ने सटीक लोकेशन मिलते ही सारनाथ ओवरब्रिज के नीचे घेराबंदी कर आरोपितों हनुमान चौक, जनपद रीवा मध्यप्रदेश निवासी राजकुमार उर्फ लाला कुशवाहा पुत्र वंश गोपाल कुशवाहा,पिसारी, थाना गौरा बादशाहपुर, जनपद जौनपुर निवासी धीरज यादव पुत्र राम अजोर यादव को धर दबोचा। दोनों ने मुम्बई के नाला सुपारा में रहकर वारदात को अंजाम दिया था।
पूछताछ में दोनों ने बताया कि वर्ष 2016 में बबुआ उर्फ चन्द्रशेखर गुप्ता, जो मुम्बई में स्थानीय स्तर पर वसूली आदि करता था, के भाई की मुम्बई में हत्या हो गई थी। उसे (चन्द्रशेखर को) लगा कि उसके भाई की हत्या बलराम गुप्ता ने कराई है। बबुआ ने बलराम गुप्ता से अपने भाई की हत्या का बदला लेने के लिए राजकुमार उर्फ लाला कुशवाहा को 3 लाख रुपये की सुपारी दी। जिस पर राजकुमार उर्फ लाला कुशवाहा ने अपने साथियों के साथ मिलकर घटना वाले दिन सरेराह बाजार में बलराम गुप्ता एवं साथ में मौजूद राजकुमार गुप्ता पर फायरिंग करते हुए नारियल काटने वाले धारदार हथियार (दतिया) से भी हमला किया था। हमले में दोनों को मृत समझकर वे सभी मौके से फरार हो गये थे। घटना में बलराम गुप्ता एवं राजकुमार गुप्ता गंभीर रूप से घायल हो गये थे। इसके बाद घटना में शामिल राजकुमार उर्फ लाला कुशवाहा व धीरज यादव वाराणसी आ गए। दोनों कभी बनारस तो कभी जौनपुर में लुक-छिप कर रह रहे थे। सारनाथ में किसी से मिलने के लिए आये थे,तभी पुलिस टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ के अफसरों ने बताया कि दोनों आरोपितों को वाराणसी न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर ट्रांजिट रिमाण्ड प्राप्त करने की विधिक कार्यवाही मीरा भाइंदर वसई विरार क्राइम ब्रान्च (महाराष्ट्र) टीम कर रही है।