अगस्त के महीने में विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है। 1897 में हुई एक खोज में पता चला कि मादा मच्छर मनुष्य में रोग फैलाते हैं। ये दुनिया के सबसे घातक कीड़े में से एक है, क्योंकि बीमारियां फैलाने की उनकी क्षमता हर साल लाखों लोगों की मौत का कारण बनती हैं। मानसून में कई प्रकार के मच्छर जनित बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। दरअसल भारी बारिश, जलभराव और बाढ़ की स्थिति मच्छरों के प्रजनन के लिए सबसे अनुकूल होती है, जो कई बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकती है।
आइए जानते हैं ऐसे तीन तरह के मच्छरों के बारे में जो घातक बीमारियों को फैलाते हैं। मच्छरों से होने वाली बीमारियों के लक्षण और बचाव भी इस लेख में जानिए।
कई मच्छर अलग अलग बीमारियां फैलाते हैं। रोग फैलाने में वाले मच्छरों की प्रजातियों में तीन सबसे घातक हो सकते हैं। इसमें एडीज, एनोफिलीज मच्छर और क्यूलेक्स मच्छर का नाम शामिल है।
एडीज
एडीज मच्छर दिन में निकलते हैं। भारत में एडीज मच्छरों का प्रभाव देखने को मिलता है। एडीज मच्छरों के कारण चिकनगुनिया, डेंगू बुखार हो सकता है। इसके अलावा लसीका फाइलेरिया, रिफ्ट वैली बुखार, येलो फीवर और जीका वायरस भी एडीज के कारण होने की संभावना रहती है।
एनाफिलीज मच्छर
एनोफिलीज मच्छर रात में निकलते हैं। इनके काटने से मलेरिया, लसीका आफलेरिया जैसी बीमारी हो सकती हैं। मलेरिया के कई मामले हर साल भारत में सामने आते हैं। वहीं लसीका फाइलेरिया बुखार के मामले अधिकतर अफ्रीका में सुनने को मिलते हैं।
क्यूलेक्स मच्छर
पश्चिम नील बुखार और जापानी एन्सेफलाइटिस जैसी बीमारी क्यूलेक्स मच्छर के कारण फैलती है।
एडीज मच्छर के काटने के लक्षण
एडीज मच्छर के काटने से डेंगू और चिकनगुनिया हो सकता है, जिसके लक्षण कुछ हद तक समान होते हैं। एडीज मच्छर के कारण तेज बुखार, आंखों के निचले हिस्से में दर्द, जी मिचलाना और उल्टी आना, जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में ऐंठन, त्वचा पर चकत्ते पड़ना, गर्दन और पीठ में दर्द व अकड़न, साथ ही कमजोरी और थकान महसूस हो सकती है।
एनाफिलीज मच्छर के काटने के लक्षण
एनोफिलीज मच्छर उप सहारा अफ्रीका में पाया जाता है, जो कि एक वायरस फैलाता है जिससे मलेरिया जैसे रोग हो सकते हैं। मलेरिया में तेज बुखार, सिरदर्द, उल्टी शामिल है। मलेरिया जानलेवा भी हो सकता है। इसमें कपकंपी औऱ ठंडक महसूस होती है। मलेरिया के कारण फेफड़ों में तरल पदार्थ जमा हो सकता है जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। कुछ स्थितियों में यह रोग किडनी-लिवर को भी नुकसान पहुंचा सकती है। दवाइयों से मलेरिया को ठीक किया जा सकता है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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