शोध के अनुसार, दुनिया में करीब 14 फीसदी वयस्क और 12 फीसदी बच्चे अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स की लत के शिकार हैं। इन खाद्य पदार्थों को लेकर लोगों में जो लगाव है वह करीब-करीब शराब और तंबाकू जितना ही बढ़ चुका है।
फ्राइज, चिप्स, बर्गर, कैंडी, सॉफ्ट ड्रिंक और आइसक्रीम जैसे अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स यानी बेहद ज्यादा प्रोसेस किए जाने वाले खाद्य पदार्थ लोगों को शारीरिक और दिमागी तौर पर बीमार बना रहे हैं। एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि ऐसे खाद्य पदार्थों के ज्यादा सेवन से सोचने-समझने, पढ़ने, सीखने और याद रखने की क्षमता में गिरावट के साथ स्ट्रोक के खतरे बढ़ रहे हैं।
मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं के अध्ययन के नतीजे जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित हुए हैं। यह अध्ययन अमेरिका में 45 वर्ष या उससे अधिक आयु के 30,239 लोगों पर किया गया है। इन पर करीब ग्यारह वर्षों तक नजर रखी गई। शोधकर्ताओं ने इस बात की जांच की है कि उनका कितना भोजन बेहद ज्यादा प्रोसेस किया हुआ था। अध्ययन की शुरुआत में इन सभी लोगों में स्ट्रोक या सोचने-समझने तथा सीखने की क्षमता में गिरावट का कोई इतिहास नहीं था। अध्ययन के अंत तक 768 लोगों में संज्ञानात्मक हानि यानी सोचने समझने की क्षमता में गिरावट देखी गई जबकि 1,108 में स्ट्रोक की समस्या सामने आई।
8 फीसदी बढ़ी स्ट्रोक की समस्या
शोध के अनुसार, दुनिया में करीब 14 फीसदी वयस्क और 12 फीसदी बच्चे अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स की लत के शिकार हैं। इन खाद्य पदार्थों को लेकर लोगों में जो लगाव है वह करीब-करीब शराब और तंबाकू जितना ही बढ़ चुका है।
बहुत ज्यादा प्रोसेस किए खाद्य पदार्थों के सेवन में 10 फीसदी के इजाफे से याददाश्त से जुड़ी समस्याओं का खतरा 16 फीसदी तक बढ़ गया। दूसरी ओर बिना प्रोसेस किए भोजन के सेवन से जोखिम 12 फीसदी तक घट गया। इसी तरह इसका सेवन करने से स्ट्रोक का खतरा आठ फीसदी तक बढ़ गया, जबकि कम करने से स्ट्रोक का जोखिम नौ फीसदी तक घट गया।
लोगों को ध्यान देना चाहिए कि वे क्या खा रहे
मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल के प्रोफेसर डॉ. डब्ल्यू टेलर किम्बर्ली का कहना है कि हर व्यक्ति को न केवल इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि वह क्या खा रहा है, बल्कि इस पर भी विचार करना चाहिए कि वह कैसे बनता है। इन खाद्य पदार्थों का सीमित सेवन दिमाग को स्वस्थ रखने में मददगार साबित हो सकता है।
ज्यादा नमक के सेवन से हर साल 30 लाख मौतें
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े भी दर्शाते हैं कि हर साल जरूरत से ज्यादा नमक (सोडियम) का सेवन करने से दुनिया में 30 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा रही है। इसके साथ ही इसकी वजह से रक्तचाप और हृदय सम्बन्धी रोगों का खतरा भी बढ़ रहा है।
क्या होते हैं अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स
जब प्राकृतिक तरीके से प्राप्त खाद्य उत्पादों को कई लेवल पर प्रोसेस किया जाता है जिससे वह कई दिनों तक खाने योग्य बने रहें या फिर जब डीप फ्राई करके उनकी कुदरती संरचना को बदल दिया जाता है तो ऐसे खाद्य उत्पादों को अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स कहते हैं। इनमें आमतौर पर चीनी, वसा, नमक ज्यादा और प्रोटीन तथा फाइबर कम होते हैं।