भारत को ओलंपिक में बैडमिंटन में पहली बार पदक दिलाने वालीं साइना नेहवाल, उड़न परी और भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा और भारत के पूर्व क्रिकेटर प्रवीण कुमार भी अमर उजाला संवाद कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे।
अपनी 75वीं सालगिरह से स्वर्णिम शताब्दी की ओर बढ़ रहा ‘अमर उजाला’ 26 और 27 फरवरी को लखनऊ में ‘संवाद : उत्तर प्रदेश’ का आयोजन कर रहा है। इस मौके पर देश के अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियां आयोजन में शिरकत करेंगी। खेल जगत से भी इस आयोजन में कई सितारों का जमावड़ा लगेगा। भारत को ओलंपिक में बैडमिंटन में पहली बार पदक दिलाने वालीं साइना नेहवाल, उड़न परी और भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा और भारत के पूर्व क्रिकेटर प्रवीण कुमार भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे। इस दौरान उनसे खेल से जुड़ी कई दिलचस्प घटनाओं पर चर्चा होगी। आइए जानते हैं इन सितारों के बारे में…
16 साल की उम्र में पहली बार ओलंपिक का हिस्सा बनीं पीटी उषा
ओलंपिक के बाद पीटी उषा के प्रदर्शन में गिरावट आई और लोगों ने उनकी आलोचना शुरू कर दी। हालांकि, उषा को खुद पर यकीन था। 1986 के सिओल एशियाई खेलों में उन्होंने चार गोल्ड मेडल जीते थे। 400 मीटर की बाधा दौड़, 400 मीटर की रेस, 200 मीटर और 4 गुणा 400 की रेस में उषा ने स्वर्ण पदक जीते। 100 मीटर की रेस में वो दूसरे नंबर पर रहीं। 1983 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड दिया गया था। 1985 में उन्हें देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उषा ने 1997 में अपने खेलों के करियर को अलविदा कहा। उन्होंने भारत के लिए 103 अंतरराष्ट्रीय मेडल जीते हैं।
ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली शटलर हैं साइना नेहवाल
2008 में बीजिंग में आयोजित हुए ओलंपिक खेलों मे भी वह क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थीं। साइना भारत सरकार द्वारा पद्म श्री और खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं। इस पूर्व नंबर एक बैडमिंटन खिलाड़ी ने अपने करियर में कई मेडल जीते। वह विश्व चैंपियनशिप में एक रजत और एक कांस्य, राष्ट्रमंडल खेलों में तीन स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य और एशियाई खेलों में दो कांस्य जीत चुकी हैं।
ऑस्ट्रेलिया को उनके घर में हराने के हीरो रहे हैं प्रवीण कुमार
ऑस्ट्रेलिया में कॉमनवेल्थ बैंक वनडे त्रिकोणीय सीरीज की खिताबी जीत में उनकी भूमिका अहम रही थी, जिसमें तीसरी टीम श्रीलंका थी। पहले फाइनल में उन्होंने लगातार दो गेंदों में एडम गिलक्रिस्ट और रिकी पोंटिंग को आउट किया और दूसरे फाइनल में 46 रन देकर चार विकेट लिए जिससे भारतीय टीम 258 के स्कोर का बचाव करने में सफल रही। उन्होंने केवल छह टेस्ट मैच खेले लेकिन इंग्लैंड के 2011 के दौरे में वह भारत की ओर से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने।
उन्होंने तीन टेस्ट मैचों में 15 विकेट लिए जिसमें 106 रन पर पांच विकेट लेने की उपलब्धि शामिल है। टेस्ट में उनके नाम 27 विकेट, वनडे में 77 विकेट और टी20 में आठ विकेट हैं। वनडे में उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन 31 रन देकर चार विकेट है, जबकि टी20 में 14 रन देकर दो विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। आईपीएल में प्रवीण 119 मैचों में 90 विकेट ले चुके हैं। उन्होंने इस लीग में मुंबई इंडियंस, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, पंजाब किंग्स, गुजरात लायंस, सनराइजर्स हैदराबाद जैसी टीमों का प्रतिनिधित्व किया।