Search
Close this search box.

विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस आज: हर वर्ष बढ़ रहा है मस्तिष्क पक्षाघात का प्रभाव, जानिए इसके कारण और बचाव

Share:

सेरेब्रल पाल्सी यानी मस्तिष्क पक्षाघात का प्रभाव हर साल बढ़ता दिखाई दे रहा है। हालांकि शिशु जन्म या फिर गर्भावस्था के दौरान सही समय पर जांच और इलाज के जरिये इस स्थिति से बचा जा सकता है। समाज की भागीदारी में बाधा डालने वाली इस चुनौती के बारे में चर्चा करती परीक्षित निर्भय की यह रिपोर्ट…

दुनिया भर में हर साल छह अक्तूबर को सेरेब्रल पाल्सी दिवस मनाया जाता है। इस साल का विषय “एक साथ और अधिक मजबूत” है जो बताता है कि जब परिवार, देखभाल करने वाले और समुदाय एक साथ आते हैं तो वे सकारात्मक परिवर्तन और समावेशन के लिए एक शक्तिशाली शक्ति बन जाते हैं। सेरेब्रल पाल्सी विकलांगता और विकारों का एक समूह है जो एक दूसरे से जुड़े हैं। नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉ. अवध बताते हैं कि बच्चों में सेरेब्रल पाल्सी मस्तिष्क क्षति के कारण होने वाला सबसे आम मोटर और गति विकार है।

भारत के लिए क्यों अहम…
नई दिल्ली स्थित जीबी पंत अस्पताल के न्यूरो विशेषज्ञ डॉ. दलजीत सिंह बताते हैं, सेरेब्रल पाल्सी (सीपी) सबसे आम न्यूरोलॉजिकल जन्मजात बीमारी है, जो एक हजार जीवित जन्म पर चार को प्रभावित करती है। समय से पहले जन्म लेने वाले या जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों में इसकी आशंका सबसे अधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया में सबसे ज्यादा कम वजन वाले बच्चे भारत में पैदा हो रहे हैं।

बीमारी की पहचान देरी से क्यों…
डॉ. देबाशीष चौधरी, न्यूरोलॉजिस्ट, जीबी पंत ने बताया कि सेरेब्रल पाल्सी एक जन्मजात विकार है। लक्षण आमतौर पर जन्म के बाद पहले वर्ष में दिखाई देते हैं। हल्के लक्षणों वाले बच्चों में, जब तक वे कुछ बड़े नहीं हो जाते, बीमारी का निदान मुश्किल होता है। आईसीएमआर के अनुसार, 1990 से 2019 के बीच मस्तिष्क की बीमारियां भारत में 4 से बढ़कर 8.02% तक पहुंची हैं। सेरेब्रल पाल्सी के मामले 2019 में 5.7% तक पहुंच गए हैं। डॉक्टरों का कहना है, यह नई बीमारी नहीं है। दिल्ली के जीबी पंत और एम्स में हर सप्ताह 40 से 50 मामले ओपीडी में आते हैं

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news