तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी प्रवर्तन निदेशालय के समन का सामना कर रहे हैं। इसी बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा, जरूरी दस्तावेज मुहैया न कराए जाने की सूरत में ईडी अभिषेक की पेशी के लिए नया समन जारी कर सकती है।
पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी के सवालों का सामना कर रहे पश्चिम बंगाल के तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी की परेशानी बढ़ सकती है। जांच के दौरान दस्तावेजों की कमी का हवाला देते हुए ईडी ने अभिषेक की पेशी के बारे में हाईकोर्ट में दलीलें पेश कीं।
9 घंटे तक हो चुकी है पूछताछ
हाईकोर्ट ने कहा कि सांसद की तरफ से मुहैया कराए गए दस्तावेजों और सबूतों से अगर ईडी संतुष्ट नहीं है तो उन्हें पेश होने के लिए नया समन जारी करने पर विचार किया जा सकता है। गत 13 सितंबर को ईडी ने अभिषेक बनर्जी से शिक्षक नियुक्ति मामले में लगभग 9 घंटे तक पूछताछ की थी।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर प्रवर्तन निदेशालय पश्चिम बंगाल में स्कूल नौकरियों के कथित घोटाले के संबंध में और सबूत जुटाना चाहती है तो वह नया समन जारी कर सकती है। हाईकोर्ट ने कहा, अगर ईडी टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी की तरफ से प्रस्तुत दस्तावेजों से संतुष्ट नहीं है तो एजेंसी नया समन जारी करने पर विचार कर सकती है।
अभिषेक तीन अक्टूबर के समन पर पेश नहीं हुए
दरअसल, ईडी ने अभिषेक बनर्जी को 9 अक्टूबर को पेश होने के लिए बुलाया है। बुधवार को एक और समन इसलिए जारी हुआ क्योंकि सांसद अभिषेक 3 अक्टूबर के समन पर पेश नहीं हुए थे। अभिषेक पश्चिम बंगाल सरकार को केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि नहीं मिलने के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने नई दिल्ली गए थे। तृणमूल कांग्रेस जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाते हुए केंद्र से धनराशि तत्काल जारी करने की मांग कर रही है।
ईडी समय सीमा भी तय कर सकती है
पश्चिम बंगाल की डायमंड हार्बर लोक सभा सीट से निर्वाचित टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी थी। उनकी अपील पर सुनवाई करते हुए, हाईकोर्ट ने ईडी से कहा था कि 3 अक्टूबर को पेशी न होने के बावजूद मामले की जांच प्रक्रिया बाधित नहीं होनी चाहिए। खंडपीठ ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी जरूरत के अनुसार दस्तावेज जमा करने के लिए बनर्जी के सामने समय सीमा भी तय कर सकती है।
किन जजों की पीठ में हो रही है अपील पर सुनवाई
कलकत्ता हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली इस खंडपीठ में न्यायमूर्ति उदय कुमार भी शामिल हैं। पीठ ने बुधवार को कहा, अगर मामले की जांच कर रहे ईडी अधिकारी अभिषेक की तरफ से सौंपे गए दस्तावेजों से संतुष्ट नहीं हैं तो वह बनर्जी को तलब करने पर विचार कर सकती है। जांच एजेंसी इस सुझाव पर गुरुवार को जवाब देगी।
तृणमूल ने राजनीतिक प्रतिशोध के आरोप लगाए
अभिषेक बनर्जी इस मामले में ईडी की जांच को प्रतिशोध की राजनीति बता रहे हैं। शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी ने लगभग नौ घंटे तक पूछताछ की। ईडी के दफ्तर से निकलने पर अभिषेक ने आरोप लगाया था कि पूछताछ का ऐसा पैटर्न उन्हें विपक्षी दलों का संयुक्त मोर्चा- इंडिया गठबंधन की बैठक में भाग लेने से रोकने का प्रयास था।
28 विपक्षी दलों का गठबंधन-I.N.D.I.A.
बता दें कि टीएमसी, कांग्रेस समेत कुल 28 दल विपक्षी एकता की कवायद में जुटे हैं। सभी दलों ने मिलकर I.N.D.I.A- (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) का गठन किया है। विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर ईडी और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप भी लगा रही हैं। दिल्ली शराब घोटाला मामले में जांच कर रही ईडी ने 4 अक्टूबर को आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को भी अरेस्ट किया है। इस प्रकरण के बाद INDIA गठबंधन में शामिल दलों ने दमन के आरोप लगाए हैं।
अभिषेक ईडी के सवालों का पहले भी सामना कर चुके हैं
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय दो बार के टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी से कोयला चोरी मामले में दो बार पूछताछ कर चुकी है। 2021 में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली वाले दफ्तर में बुलाया गया था, जबकि 2022 में बनर्जी को एजेंसी के कोलकाता कार्यालय में बुलाया गया था।