केंद्र सरकार ने भी प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के नाम से एक योजना लांच की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन 17 सितंबर पर इस योजना को लांच किया। इस अवसर पर कहा गया कि इस योजना से देश की 18 अति पिछड़ी जातियों (जैसे कुम्हार, माली, दर्जी, विश्वकर्मा, नाई, हलवाई और मोची इत्यादि) को अपना स्वरोजगार स्थापित करने में मदद मिलेगी।
बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने एक योजना को मंजूरी दे दी है जिसमें मुसलमानों को अपना उद्यम स्थापित करने के लिए पांच लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक का सस्ता कर्ज मिल सकेगा। सरकार ने इसे अल्पसंख्यक वर्ग की आर्थिक मजबूती के लिए उठाया गया कदम बताया है, वहीं भाजपा ने इसे नीतीश कुमार की अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की मानसिकता से उठाया गया कदम बताया है।
दरअसल, सोमवार को एक बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस योजना को मंजूरी दी। योजना के अनुसार अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को अपना उद्यम स्थापित करने के लिए, या पहले से स्थापित अपने उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पांच से दस लाख रुपये तक की आर्थिक मदद दी जाएगी।
केंद्र सरकार ने भी प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के नाम से एक योजना लांच की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन 17 सितंबर पर इस योजना को लांच किया। इस अवसर पर कहा गया कि इस योजना से देश की 18 अति पिछड़ी जातियों (जैसे कुम्हार, माली, दर्जी, विश्वकर्मा, नाई, हलवाई और मोची इत्यादि) को अपना स्वरोजगार स्थापित करने में मदद मिलेगी।
हालांकि, यह बात पूरी तरह सही नहीं है। बिहार में पहले से ही अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जातियों, पिछड़ी जातियों और महिलाओं के लिए इसी तरह की योजना पहले ही उपलब्ध है। ऐसे में इसे केंद्र की योजना की नकल नहीं करार दिया जा सकता।
इंडिया गठबंधन का एजेंडा सामने आया- भाजपा
भाजपा के प्रवक्ता जयराम विप्लव ने अमर उजाला से कहा कि धार्मिक आधार पर किसी वर्ग को योजना का लाभ पहुंचाना पूरी तरह मुसलमानों का तुष्टीकरण है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने भी केवल मुसलमानों के लिए योजनाओं की शुरुआत की है। यह जनता का धार्मिक आधार पर वर्गीकरण है जिसे संविधान अनुमति नहीं देता।
भाजपा नेता ने कहा कि सरकार पिछड़े और हर युवा-महिला के लिए इसी तरह की योजना पहले से चला रही है। इसमें धार्मिक आधार पर कोई बंटवारा या भेदभाव नहीं होता। ऐसे में मुस्लिम युवा-महिलाएं भी इस योजना का लाभ लेते हैं। इसलिए केवल मुसलमानों के लिए धार्मिक आधार पर किसी योजना की शुरुआत करना एक सरकार के द्वारा मतदाताओं को धार्मिक आधार पर बांटना है जिसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकाता। उन्होंने कहा कि वे सरकार की इस योजना का हर स्तर पर विरोध करेंगे।
जदयू ने किया बचाव
जनता दल यूनाइटेड नेता सत्य प्रकाश मिश्रा ने अमर उजाला से कहा कि भाजपा हर योजना को धार्मिक दृष्टि से देखती है, इसलिए हर योजना में उसे धार्मिक संकीर्णता दिखाई पड़ती है। उन्होने कहा कि सरकार ने हर वर्ग को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं लांच की हैं। ऐसे में इसे किसी वर्ग का तुष्टीकरण नहीं कहा जा सकता।