जिनेवा में मानवाधिकार परिषद के कार्यालय के बाहर बलूचिस्तान की आजादी के समर्थक तीन दिवसीय फोटो प्रदर्शनी का आयोजन कर रहे हैं।
स्विट्जरलैंड के जिनेवा में हो रही संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक हो रही है। मानवाधिकर परिषद के कार्यालय के बाहर बलूचिस्तान की आजादी के समर्थकों ने पोस्टर बैनर लगाए हुए हैं और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बलोच वॉइस एसोसिएशन के अध्यक्ष मुनीर मेंगल ने कहा कि ‘हमारे यहां इकट्ठा होने का मकसद संयुक्त राष्ट्र का बलूचिस्तान की तरफ ध्यान आकर्षित करना है। बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना लोगों को मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है और हमें हर रोज सोशल मीडिया के जरिए खबर मिलती है कि वहां लोगों का अपहरण किया जा रहा है और जिन लोगों का पाकिस्तानी सेना द्वारा अपहरण किया जाता है, उनके शव अलग-अलग इलाकों में मिलते हैं।’
मानवाधिकार परिषद की बैठक में घिरा पाकिस्तान
बता दें कि जिनेवा में मानवाधिकार परिषद के कार्यालय के बाहर बलूचिस्तान की आजादी के समर्थक तीन दिवसीय फोटो प्रदर्शनी का आयोजन कर रहे हैं। इस फोटो प्रदर्शनी के जरिए बलूचिस्तान में हो रहे मानवाधिकारों के हनन को दर्शाया गया है। वहीं मानवाधिकार परिषद की बैठक में कई समूहों और सामाजिक संगठनों ने संयुक्त राष्ट्र को बताया कि भारतीय संविधान में भाषाई अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए प्रावधान किए गए हैं, खासकर उत्तर पूर्वी राज्यों में।
भारतीय एनजीओ ने महिला सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे कामों का दी जानकारी
भारतीय एनजीओ ने देश में महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता की दिशा में हो रहे कामों की भी जानकारी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में दी। भारत के प्रतिनिधिमंडल में कश्मीरी कार्यकर्ता जावेद बेग भी शामिल हैं। मानवाधिकार परिषद की बैठक में जावेद बेग ने जम्मू कश्मीर के लोगों का प्रतिनिधित्व किया और साथ ही पाकिस्तान अधिकृत पीओके में जातीय अल्पसंख्यकों खासकर शिया मुस्लिमों पर हो रहे जुल्म के बारे में दुनिया को बताया।