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कन्नड़ संगठनों ने 29 सितंबर को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया; सीएम सिद्धारमैया ने कही यह बात

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सीएम सिद्धारमैया से कावेरी मुद्दा को लेकर हो रहे प्रदर्शन और बंद के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि वह इस विरोध प्रदर्शन को कम नहीं करेंगें, लेकिन भाजपा और जेडीएस इसमें राजनीति कर रहे हैं।

Cauvery water dispute Karnataka chief minister Siddharmaiah statement Supreme court

तमिलनाडु के लिए कावेरी नदीं का पानी छोड़े जाने पर विरोध तेज होने और स मुद्दे पर बंद के आह्वान के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी तरह की कोई कटोती नहीं करेगी, लेकिन शांति बनाए रखने के महत्व को रेखांकित जरूर करेगी।

विरोध प्रदर्शन कम नहीं करेंगे: सीएम सिद्दारमैया 
सीएम ने यह भी कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर सुनवाई कोर्ट की अगली सुनवाई में अपना तर्क अधिक मजबूती से रखने वाली है। कावेरी मुद्दा पर कुछ किसान और कन्नाडा संगठन भी बेंगलूरू बंद के लिए अपना समर्थन दे रहे हैं। वटल नागराज के नेतृत्व में कन्नड़ प्रदर्शनकारियों ने 29 सितंबर से पूरे राज्य में बंद का आह्वान किया है।

सीएम सिद्धारमैया ने मीडिया से बात करते हुए कहा, हमने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण और विनिमय समिति के आदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने हमारी और  तमिलनाडु की याचिका अस्वीकार कर दी । उन्होंने (तमिलनाडु) ने पहले 24,000 क्यूसेकपानी मांगा, फिर 7,200 क्यूयेक पानी मांगा। हमने कहा कि हम 5,000 क्यूसेक भी पानी नहीं दे सकते, क्योंकि पानी ही नहीं है। उन्होंने आगे कहा, कोर्ट इसे मानने को मंजूर नहीं है और अब 26 सितंबर को इसपर कोर्ट में चर्चा होगी। इसबार हम और मजबूती से अपना तर्क रखेंगे।

जब सीएम से कावेरी मुद्दा को लेकर हो रहे प्रदर्शन और बंद के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा, हम इस विरोध प्रदर्शन को कम नहीं करेंगें, लेकिन भाजपा और जेडीएस इसमें राजनीति कर रहे हैं। वह जो भी कह रहे हैं, पार्टी मीटिंग के दौरान उन्होंने कुछ भी नहीं कहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने किया हस्तक्षेप करने से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने 21 सितंबर को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण के उस फैसले पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था, जिसमें कर्नाटक सरकार को 13 सितंबर से अगले 15 दिनों तक 5000 क्यूसेक पानी तमिलनाडू को देने का निर्देश दिया गया था। कर्नाटक ने इसपर तर्क देते हुए कहा कि वह इस परिस्थिति में नहीं है कि पानी छोड़ सके, क्योंकि मानसून में कम बारिश के कारण पानी की कमी हो गई है और उन्हें अपने राज्य में भी सिंचाई और पीने के पानी की जरूरत है।

मीडिया से बात करते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि लोकतंत्र में प्रदर्शन करना सभी का अधिकार है और इसे बिलकूल भी कम नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, प्रदर्शन पर मेरे पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुझसे बात की। मैंने उनसे कहा कि यह उनका अधिकार है, लेकिन सभी को बंद का एलान करने या प्रदर्शन करने से पहले कोर्ट के आदेश के आदेश का पालन करना चाहिए। केवल मीडिया के सामने प्रचार के लिए प्रदर्शन करना सही नहीं है।

डिप्टी सीएम ने भी दी प्रतिक्रिया
कर्नाटक के डिप्टी सीएम शिवकुमार ने भी कावेरी मुद्दा को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, एक मंत्री होने के नाते मैं कुछ भी कहने में असमर्थ हूं। मुझे कोर्ट का भी सम्मान करना है और अपने राज्य के लोगों को भी देखना है। जो भी हो सरकार को अपने राज्य के हितो की रक्षा करनी ही होगी। यह हमारा परम कर्तव्य है।

उन्होंने आगे कहा कि यदि हमारे लोग ही इसका समर्थन नहीं करेंगे, तो बंद का कोई मतलब नहीं रहेगा। शिवकुमार ने आगे कहा कि बंद के आह्वान पर संगठनों के बीच सहमति की कमी देखने को मिली है। इसमें सरकार हस्तक्षेप नहीं करना चाहती है।

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