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संयुक्त राष्ट्र महासभा में शनिवार को एक संवादताता सम्मेलन में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि शांति के लिए यूक्रेन का व्यवाहार यथार्थवादी है। अगर जेलेंस्की रूस के साथ बातचीत को रोकने वाले अपने आदेश वापस लेगा तो क्या रूस यूक्रेनी सरकार से बात करेगा। जेलेंस्की दुनिया भर में सिर्फ पैसे और हथियार मांग रहे हैं। अमेरिका संघर्षों को बढ़ावा दे रहा है लावरोव ने कहा कि यूक्रेन का समर्थन करने वाली सरकारें दुनिया को लोकतंत्र और निरंकुशता में विभाजित करने के प्रयासों में शामिल थीं। अमेरिका और उसके अधीनस्थ पश्चिमी समूह लगातार संघर्ष को बढ़ावा दे रहे हैं। यह मानवता को विभाजित करता है। उनका कहना है कि आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच विश्वास बहाली का समय आ गया है। रूसी सेना इसके लिए तैयार है और वह मदद करेगी। मंत्रीस्तरीय बैठक के दौरान भी साधा था निशाना एक दिन पहले, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मंत्रिस्तीय बैठक में भी लावरेव आक्रमक थे। बैठक में सबसे पहले तो उन्होंने संयुक्त राष्ट्र को धन्यवाद दिया। लावरोव का कहना था कि परिषद के कारण परमाणु आपदा से भरा एक नया विश्व युद्ध टल गया। अमेरिका पर हमला करते हुए उन्होंने कहा था कि शीत युद्ध की समाप्ति के कारण दुर्भाग्य से अमेरिका ने एकल नेतृत्व किया। अमेरिका ने अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र को नजरअंदाज करता रहा। यूएसएसआर के पतन के बाद अमेरिका का यूक्रेन में हस्तक्षेप बढ़ गया। 2013 में न्यूलैंड में पश्चिम की ओर से कीव में यूक्रेनी राजनेताओं को तैयार करने पर पांच अरब अमेरिकी डॉलर खर्च किए थे। अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें

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त्रिपक्षीय बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सुधार से संबंधित अंतर-सरकारी वार्ता पर कायम गतिरोध पर निराशा जताई गई।

Brazil and South Africa hold trilateral meeting with jaishankar emphasis on reforming the Security Council

विदेश मंत्री एस जयशंकर, ब्राजील के विदेश मंत्री मौरो विएरा और दक्षिण अफ्रीका की अंतरराष्ट्रीय संबंध और सहयोग मंत्री ग्रेस नलेदी पंडोर ने शुक्रवार को यहां 11वें आईबीएसए त्रिपक्षीय मंत्रिस्तरीय आयोग की बैठक की। इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सुधार से संबंधित अंतर-सरकारी वार्ता पर कायम गतिरोध पर निराशा जताई गई। मंत्रियों ने अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका की विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के प्रतिनिधित्व को शामिल करने के लिए सुरक्षा परिषद के विस्तार के लिए काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

बैठक के बाद जारी एक बयान में मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि परिणामोन्मुख प्रक्रिया की ओर बढ़ने का समय आ गया है। उन्होंने लिखित समझौतों की शुरुआत के माध्यम से एक निश्चित समय सीमा के भीतर ठोस परिणाम प्राप्त करने के प्रयासों को दोगुना करने का आग्रह किया। मंत्रियों ने यूएनएससी में स्थायी उपस्थिति के लिए अफ्रीकी देशों की वैध आकांक्षा का समर्थन किया और ब्राजील और भारत के सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट पाने के प्रयास का समर्थन किया। मंत्रियों ने इस बात पर बल दिया कि संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में व्यापक सुधार किया जाना चाहिए और सुरक्षा परिषद में सुधार को आगे बढ़ाना एक तत्काल और सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

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