पीड़ितों के पास अपने देश में जमीन, संपत्ति और खेत थे लेकिन सिर्फ धर्म के आधार पर उन्हें प्रताड़ित किया गया। उनकी संपत्तियां छीन ली गईं। अंत में थककर वे अपनी जन्मभूमि, अपने परिजनों और अपने मित्रों को छोड़कर भारत आए।
भारत में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर विवाद जारी है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में सीएए चर्चा हुई। राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान के सदस्य सत्य नारायण शर्मा ने यूएन में सीएए के महत्वपूर्ण प्रभावों पर प्रकाश डाला। शर्मा ने इस दौरान पाकिस्तान से भारत आए शरणार्थी समुदायों की चिंताओं पर प्रकाश डाला। सीएए के कारण पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दी जा रही है। सीएए के कारण पीड़ितों में सुरक्षा की भावना पैदा की गई। शर्मा ने विस्थापितों के कष्टदायक अनुभवों को साझा किया। दूसरे देश में शरण लेना कठिन यात्रा है। हाल ही में जोधपुर, बाड़मेर और अहमदाबाद सहित अन्य क्षेत्रों विस्थापितों को भारतीय नागिरकता प्रदान की। पीड़ितों के पास अपने देश में जमीन, संपत्ति और खेत थे लेकिन सिर्फ धर्म के आधार पर उन्हें प्रताड़ित किया गया। उनकी संपत्तियां छीन ली गईं। अंत में थककर वे अपनी जन्मभूमि, अपने परिजनों और अपने मित्रों को छोड़कर भारत आए। लोग सिर्फ भय और डर के कारण अपनी मातृभूमि में रहना नहीं चाहते। यह गंभीर चिंता का विषय है।भारत ने विभिन्न देशों के शरणार्थियों का स्वागत किया। भारत ने मानवता के सिद्धांत वसुधैव कुटुंबकम दुनिया को अपनाया और जरूरतमंद लोगों की मदद की। भारत भेदभाव के खिलाफ खड़ा है। हम दुनिया में शांति और एकता के लिए प्रयास कर रहे हैं।