डॉ. प्रमेश ने बताया कि जल्द ही देश के सभी सरकारी व निजी कैंसर अस्पताल मिलकर दूसरे चरण की खरीदी करने वाले हैं। इसमें कैंसर इलाज में इस्तेमाल सर्जिकल सामग्री और उपकरण भी शामिल हैं।
अस्पतालों को एक सस्ता विकल्प दिया
टाटा अस्पताल के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. सीएस प्रमेश ने बताया कि भारत में सरकारी और निजी दोनों ही तरह के अस्पतालों में कैंसर का इलाज काफी महंगा है। कई बार हम देखते हैं कि कुछ मरीजों के इलाज में ऐसी दवाओं की जरूरत पड़ती है, जिनकी कीमत बाजार में लाखों रुपये में होती है। इसे मरीज तो दूर अस्पताल के स्तर पर भी नहीं खरीदा जा सकता है। महंगे उपचार को सस्ता करने के लिए हमने एक पहल की, जिसमें सभी अस्पतालों ने सहयोग दिया और मिलकर मोलभाव करते हुए सिर्फ सस्ती दवाएं ही नहीं बल्कि उनकी गुणवत्ता की परख करते हुए खरीदा।
सरकारी अस्पताल भी होंगे साथ
डॉ. प्रमेश ने बताया कि जल्द ही देश के सभी सरकारी व निजी कैंसर अस्पताल मिलकर दूसरे चरण की खरीदी करने वाले हैं। इसमें कैंसर इलाज में इस्तेमाल सर्जिकल सामग्री और उपकरण भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जिन दवाओं को सस्ती दरों पर खरीदा गया उनमें पारंपरिक साइटोटॉक्सिक दवाएं, लक्षित थेरेपी, एंटीबायोटिक, एंटीफंगल, एंटीमेटिक्स और कैंसर सेल ग्रोथ फैक्टर में इस्तेमाल होने वाली दवाएं शामिल हैं, जो जेनेरिक भी नहीं है।