जी 20 दिल्ली लीडर्स डिक्लियरेशन में समावेशी शिक्षा, गुणवत्ता, कौशल, प्रशिक्षण, रोजगार, डिजिटल प्रौद्योगिकी का प्रयोग, अनुसंधान और शोध पर मिलकर काम करने की सहमति बनी है।
शिक्षा में डिजिटल प्रौद्योगिकी पर जोर, शिक्षकों को एआई आधारित ट्रेनिंग
वैश्विक महामारी कोरोना में डिजिटल शिक्षा का महत्व समझ आया था। भारत ने अपने एजेंडे में शिक्षा में डिजिटल शिक्षा को प्रमुखता से रखा और दिल्ली लीडर्स घोषणा पत्र में उसको मंजूरी भी मिल गई है। इसके तहत स्कूली व उच्च शिक्षा में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। हालांकि उसके साथ शिक्षकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) समेत नई तकनीक से पढ़ाई करवाने के लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
कमजोर परिस्थितियों वाले लोगों के साथ-साथ सभी के लिए समावेशी, न्यायसंगत, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। मानव संसाधन के विकास के समर्थन में निवेश भी जरूरी है। इसलिए शिक्षा और रोजगार के लिए प्राथमिक निर्माण खंड के रूप में मूलभूत शिक्षा (साक्षरता, संख्यात्मकता और समाजिक-भावनात्मक कौशल) पर मिलकर काम करेंगे।
दिल्ली लीडर्स घोषणा पत्र के तहत अब जी 20 सदस्य देश कौशल प्रशिक्षण के साथ कौशल प्रशिक्षित पेशेवरों की कमी को दूर करने पर मिलकर काम करेंगे। उदाहरण के तौर पर भारत कौशल प्रशिक्षण पर सबसे अधिक जोर दे रहा है। क्योंकि दुनिया भर में सबसे अधिक युवा और मैनपावर भारत के पास है। ऐसे में भारत ने इसे एजेंडे में रखा और मंजूरी मिल गई। इसके लिए कौशल आधारित नीति बनेगी। इसमें कामकाजी पेशवरों के लिए सामाजिक सुरक्षा, बेहतर काम का माहौल, वेतन, घंटे तय आदि मुहैया करवाना है। अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत कौशल कोर्स व प्रशिक्षण मिलेगा। इसमें डिजिटल अपस्किलिंग और रीस्किलिंग पर जोर रहेगा। सभी सदस्य देशों में कौशल प्रशिक्षित पेशेवरों और रोजगार का आंकड़ा जुटाया जाएगा।
G20: समापन सत्र में पीएम मोदी ने आतंकवाद फडिंग का मुद्दा उठाया, साइबर सुरक्षा पर कही बड़ी बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तेजी से बदलते विश्व में हमें बदलाव के साथ-साथ स्थिरता और मजबूती की भी उतनी ही जरूरत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तेजी से बदलते विश्व में हमें बदलाव के साथ-साथ स्थिरता और मजबूती की भी उतनी ही जरूरत है। हम प्रण लें कि हरित विकास समझौता, एसडीजीएस पर कार्य योजना, भ्रष्टाचार विरोध पर उच्च स्तरीय सिद्धांत, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और एमडीबी सुधारों के अपने संकल्पों को सिद्धि तक लेकर जाएंगे। जी-20 के समापन सत्र में पीएम ने कहा, कुछ ज्वलंत समस्याएं विश्व के सामने हैं जो सभी देशों के वर्तमान और भविष्य, दोनों को प्रभावित कर रही हैं।
आगे बोले कि साइबर जगत से आतंकवाद को नए माध्यम और फंडिंग के नए तौर-तरीके मिल रहे हैं। ये हर देश की सुरक्षा और समृद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण विषय है। जब हम हर देश की सुरक्षा, हर देश की संवेदना का ध्यान रखेंगे तभी एक भविष्य का भाव सशक्त होगा। दुनिया के सामने मौजूद साइबर सुरक्षा और क्रिप्टोकरेंसी जैसी चुनौतियों से हम परिचित हैं। इनके नियमन के लिए हमें वैश्विक फ्रेमवर्क की जरूरत है और इस दिशा में जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने होंगे।
पीएम मोदी ने कहा, हमें बहुपक्षीय विकास बैंक के विचार का विस्तार भी करना होगा। इस दिशा में हमारे फैसले त्वरित और प्रभावी होने चाहिए। हमारे सामने बैंक विनियमन पर बेसल मानक एक मॉडल के रूप में है।