पाकिस्तान के सुक्कुर में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के कई बंधक सदस्यों को बरामद करने में पुलिस की विफलता के विरोध में हजारों नागरिकों ने लगातार दूसरे दिन शांति जुलूस निकाला
पाकिस्तान में किसी से छिपा नहीं है कि कैसे हिंदू समेत अन्य अल्पसंख्यकों पर जुल्म किए जाते हैं। आए दिन अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों पर हमले होते हैं। वहीं, अब ऐसे ही अत्याचारों के खिलाफ पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय समेत अन्य लोग सड़क पर उतर आए हैं। पाकिस्तान के सुक्कुर में अल्पसंख्यक हिंदु समुदाय के कई सदस्यों के समेत बंधक बनाए गए लोगों को ढूंढ पाने में पुलिस की नाकामी के खिलाफ हजारों लोगों ने लगातार दूसरे दिन रविवार को कंधकोट शहर में शांति रैली निकाली और घंटाघर चौक पर धरना दिया।
कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए उठाई आवाज
प्रदर्शनकारियों में राष्ट्रवादी दलों, सामाजिक और नागरिक अधिकार संगठन के सदस्य, व्यापारी शामिल थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने अपराध प्रभावित काशमोर जिले के कंधकोट में कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए भी आवाज उठाई। हिंदू पंचायत ने मुखी जगदीश कुमार, जयदीप कुमार, हिंदू सागर कुमार, गुड्डू, मुनीर नाइच और जिले के विभिन्न क्षेत्रों से कई अन्य लोगों के अपहरण के विरोध में प्रदर्शन का आह्वान किया था।
अपराधी लगातार कर रहे परेशान
प्रदर्शनकारियों ने कहा, स्थानीय सरकार अपराधियों को शरण और समर्थन देते हैं, जिन्होंने उनके जीवन को नरक बना दिया है। जिले में कोई भी सुरक्षित नहीं है। कई व्यापारियों और उनके बच्चों को अपहरण हो गया है। छोटी उम्र की कई लड़कियों का अपहरण भी हुआ है। सड़क, बाजार जैसे सार्वजनिक स्थल और ग्रामीण क्षेत्र भी सुरक्षित नहीं रह गए हैं। लोग और उनकी संपत्तियां डकैतों और अपराधियों की रहम पर निर्भर हो गई हैं।
पुलिसकर्मियों पर भी हो रहे हमले
विरोध करने वालों ने कहा कि पुलिसकर्मी भी सुरक्षित नहीं हैं। अपराधी और डकैत अपने गिरफ्तार साथियों को छुड़वाने के लिए पुलिसकर्मियो को भी अगवा कर लेते हैं और पुलिस को उनके सामने घुटने टेकर अपराधियों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि डकैतों ने अगवा जगदीश कुमार का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया है जिसमें उन्हें बुरी तरह पीटा जा रहा है और अपहरणकर्ताओं को लाखों रुपये की फिरौती मांगते सुना जा सकता है।