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जिलों में विकास और कानून व्यवस्था की समीक्षा अब होगी अलग-अलग, दिशा निर्देश किए गए तय

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जिलों में विकास और कानून व्यवस्था की समीक्षा अब अलग अलग होगी। शासन ने कानून व्यवस्था एवं विकास कार्यों के मूल्यांकन, निगरानी और समीक्षा के लिए दिशा निर्देश तय किए हैं। 68 जिलों में जिलाधिकारी कानून व्यवस्था की समीक्षा करेंगे।

प्रदेश में अब कानून व्यवस्था और विकास कार्यों का मूल्यांकन, अनुश्रवण और समीक्षा अलग-अलग स्तर पर होगा। सरकारी विभागों के विकास कार्य और कानून व्यवस्था में विभिन्न स्तर के अधिकारियों की समीक्षा सीएम डैश बोर्ड पर उपलब्ध सूचना के आधार पर की जाएगी। खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को चिह्नित कर उनके कार्य में सुधार कराया जाएगा। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने कानून व्यवस्था और विकास कार्यों की समीक्षा के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं।

शासन के आदेश के बाद 68 जिलों में जिलाधिकारी कानून व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। वहीं पुलिस आयुक्त प्रणाली वाले लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, आगरा, नोएडा, प्रयागराज और गाजियाबाद में पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। मंडल स्तर पर कानून व्यवस्था एवं विकास कार्यों की समीक्षा अब अलग-अलग होगी। जिला स्तरीय समीक्षा बैठक के एक सप्ताह की अवधि में मंडल स्तरीय बैठक का आयोजन करना होगा।

विकास कार्यों की समीक्षा बैठक मंडलायुक्त की अध्यक्षता में होगी। जिन मंडल मुख्यालयों पर पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू नहीं हैं वहां पर कानून व्यवस्था की बैठक भी मंडलायुक्त की अध्यक्षता में ही होगी। बैठक में पुलिस महानिरीक्षक, उप महानिरीक्षक एवं मंडल में स्थित जिलों के पुलिस कप्तान मौजूद रहेंगे। राजस्व और विकास कार्य के लिए मंडल में अपर आयुक्त को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। कानून व्यवस्था के लिए मंडल में पुलिस उप महानिरीक्षक को नोडिल अधिकारी नियुक्त किया है।

अलग-अलग होगी अब समीक्षा
जिला स्तर पर विकास कार्य और कानून व्यवस्था की समीक्षा अलग-अलग होगी। विकास कार्य की समीक्षा जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में होगी। हर महीने सीएम डैशबोर्ड की रैंकिंग प्रकाशन के एक सप्ताह में बैठक का आयोजन करने के निर्देश दिए हैं। जिला स्तर पर विकास कार्यों की समीक्षा के लिए मुख्य विकास अधिकारी को सीएम डैशबोर्ड का नोडल अधिकारी नामित किया है। जिन जिलों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू नहीं हैं वहां पर कानून व्यवस्था की समीक्षा जिलाधिकारी की अध्यक्षता में पुलिस लाइन में की जाएगी। बैठक में एसएसपी, एसपी, एडीएम प्रशासन, एएसपी, डीएसपी, वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी सहित सभी थानाध्यक्ष मौजूद रहेंगे।

पुलिस आयुक्त की समीक्षा प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी करेंगे लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, सहित  जिन जिलों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू है। वहां पर कानून व्यवस्था की समीक्षा प्रमुख सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक की ओर से भी हर महीने की जाएगी। जिन जिलों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू है वहां कानून व्यवस्था की समीक्षा पुलिस आयुक्त करेंगे। बैठक में अपर पुलिस आयुक्त, संयुक्त पुलिस आयुक्त, पुलिस उप आयुक्त, सहायक पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी और सभी थानाध्यक्ष शामिल रहेंगे।

हर महीने की 15 तारीख को जारी होगी रैंकिंग
सीएम डैशबोर्ड पर विभिन्न विभागों की सेवाओं और योजनाओं के क्रियान्वयन के आधार पर हर महीने की 15 तारीख को रैंकिंग जारी  की जाएगी। रैकिंग में परफार्मेंस इंडेक्स, डाटा क्वालिटी इंडेक्स और फ्लैगशिप प्रोजेक्टस पर हुए कामकाज को आधार बनाया जाएगा।

तबादलों का आधार बनेगी रैंकिंग
भविष्य में विभागों की ओर से सीएम डैशबोर्ड पर जिला स्तरीय अधिकारियों की रैंकिंग के आधार पर मिले गुणांक का प्रयोग  मेरिट बेस्ड ऑनलाइन स्थानांतरण में किया जाएगा।

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