प्रदर्शनी में लिखा है कि विश्व युद्ध के दौरान पश्चिमी मोर्चे पर और 1918 में फिलिस्तीन अभियान के दौरान शाही रिजर्व के रूप में भारतीय सेना की मुख्य भूमिका रही। भारत के लगभग 1.4 मिलियन सैनिक युद्ध में शामिल हुए।
इंग्लैंड के नेशनल आर्मी म्यूजियम में नई प्रदर्शनी की शुरुआत हुई है, जिसमें प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारतीय सेना के योगदान को दर्शाया गया है। नेशनल आर्मी म्यूजियम इंग्लैंड के लंदन में स्थित है। संग्राहालय में तस्वीरों, कलाकृति, चित्रों, दस्तावेजों और पदकों के माध्यम से भारतीय सेना की वीर गाथा बताई गई है।विदेशी मीडिया के अनुसार, नई दिल्ली में यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया के साथ साझेदारी में बनाया गया है। प्रदर्शनी में लिखा है कि विश्व युद्ध के दौरान पश्चिमी मोर्चे पर और 1918 में फिलिस्तीन अभियान के दौरान शाही रिजर्व के रूप में भारतीय सेना की मुख्य भूमिका रही। भारत के लगभग 1.4 मिलियन सैनिक युद्ध में शामिल हुए। 1915 में भारतीय कोर ने न्यूवे चैपल इसके बाद सेकेंड वाईप्रेस और लूज का युद्ध लड़ा। बता दें, प्रदर्शनी निशुल्क है। प्रदर्शनी में इस बात पर जोर दिया गया है कि कैसे मेसोपोटामिया ब्रिटिश भारतीय सेना का मुख्य कमांड रहा। इस दौरान भारत की ओर से बल का तीन चौथाई, जहाज का तीन चौथाई और संपूर्ण रेलवे सामाग्री और कार्मिक उपलब्ध कराए गए। 1915 में इसका मुख्य उद्देश्य था कि बसरा सहित आसपास के इलाकों के तेल की आपूर्ति को सुरक्षित किया जाए, जो उम्मीद से कम लागत में हासिल किया गया। 1917 के अंत में फिलीस्तीन में ब्रिटिश सेना की इकाइयों को पश्चिम मोर्चे पर वापस भेज दिया गया था। इसके बाद भारतीय सेना ने यहां मोर्चा संभाल लिया था। इसके इतिहास में भारतीयकरण कहा गया है।